एमएलसी व भाजपा नेता यशवंत सिंह के पुत्र विकांत सिंह रिशु ने भी भरा पर्चा
रिशु सिंह के भाजपा से बगावत करने से बढ़ा जिले का सियासी पारा
आजमगढ़ : फूलपुर-पवई विधान सभा के पूर्व विधायक अरुणकांत यादव ने भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित होने के बाद सोमवार को आजमगढ़-मऊ एमएलसी सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल किये। वहीं विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह रिशु ने भाजपा से बगावत कर निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा भरा। रिशु ने अपना नामांकन कर जिले में सियासी पारा बढ़ दिया है। बता दें कि वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जिले के 10 विधान सभा सीटाें में मात्र एक सीट फूलपुर-पवई में सफलता मिली थी। फूलपुर-पवई विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी अरुणकांत यादव निर्वाचित हुए थे। अरुणकांत यादव जिले के बाहुबली पूर्व सांसद व विधायक रमाकांत यादव के पुत्र हैं। 2017 में रमाकांत यादव भी भाजपा में शामिल थे। बाद में वे सपा में शामिल हो गए। सपा ने 2022 में रमाकांत यादव को फूलपुर-पवई विधान सभा से अपना प्रत्याशी घोषित किया। रमाकांत के सपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही उनके पुत्र अरुणकांत यादव को भाजपा ने टिकट न देकर रामसूरत राजभर को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। 2022 के विधान सभा चुनाव में सपा ने जिले के सभी 10 सीटों पर विजय पताका लहराने में कामयाब हो गई थी। इधर आजमगढ़-मऊ विधान सभा सीट के लिए भाजपा ने एक दिन पूर्व फूलपुर के पूर्व विधायक अरूणकांत यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सोमवार को अरुणकांत यादव नामांकन करने के लिए भाजपा कार्यालय आए । वहां से भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ जुलूस के शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इधर सामवार को ही विधान सभा परिषद सदस्य व भाजपा नेता यशवंत सिंह के पुत्र व पूर्व जिला पंचायत सदस्य विक्रांत सिंह रिशू ने भी एमएलसी के लिए अपना नामांकन पत्र निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया है। पर्चा भरने के बाद रिशु सिंह ने कहा कि पिता जी के राजनीति (भाजपा) में होने से पार्टी उन्हें टिकट नहीं दे रही है। जब जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए टिकट मांगा तो मुझे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने से रोका गया। जबकि मैने पिछले चुनाव में दस हजार वोटों से जीत हासिल कर जिला पंचायत सदस्य चुना गया था। इसके बावजूद मुझे रोका गया। एमएलसी के चुनाव में भी मुझे पिता जी की वजह से टिकट नहीं दिया गया। ऐसे में मुझे स्वयं अपना राजनैतिक रास्ता बनाने के लिए निर्दलीय ही चुनाव लड़कर विजय हासिल करने का मन बना लिया है। मैने आजमगढ़ और मऊ दोनों जिलों में जनसेवा किया है, जिसके दम पर इस चुनाव में जीत जरूर मिलेगी।
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