रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और प्रतिद्वंदी सिन्धुजा मिश्रा
भाजपा ने कुंडा से सिंधुजा मिश्रा को बनाया प्रत्याशी,बोलीं लोकतंत्र में किसी बाहुबली की नही चलती
आजमगढ़: जिले की बेटी सिंधुजा मिश्रा यूपी के बाहुबली नेता कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या को टक्कर देंगी। आजमगढ़ जिले की खत्री टोलाकी निवासी और प्रख्यात रहे चंद्र दत्त वैद्य के परिवार की बिटिया सिंधुजा मिश्रा की शिक्षा जिले के जीजीआईसी व अग्रसेन डिग्री कॉलेज में हुई है। भाजपा ने प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा से सिंधुजा मिश्रा को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। सिंधुजा मिश्रा ने इससे पूर्व भी 2012 का विधानसभा चुनाव प्रतापगढ़ जिले की विश्वनाथगंज से पूर्व मंत्री राजाराम पांडेय के खिलाफ लड़ा था और 5000 हजार मतों से चुनाव हार गई थी। पूर्व मंत्री राजाराम पांडेय के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भी सिंधुजा मिश्रा ने हाथ आजमाया था पर हार का सामना करना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय सिंधुजा मिश्रा ने भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा ने कुंडा से प्रत्याशी घोषित कर दिया। सिंधुजा मिश्रा प्रतापगढ़ जनपद में भारी कद रखने वाले और वर्तमान में भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी की पत्नी हैं। शिव प्रकाश मिश्र सेनानी को भी 2007 व 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुंडा से प्रत्याशी बनाया था। शिव प्रकाश मिश्र की गिनती मायावती के करीबियों में होती थी। इससे पहले सपा के सर्वोच्च नेता रहे मुलायम सिंह यादव का भी सानिध्य उन्हें रहा था।पर 2019 के लोकसभा चुनाव के समय पति-पत्नी भाजपा में शामिल हो गए। मीडिया से बात करते हुए सिंधुजा मिश्रा ने कहा ना मैं डरने वाली हूं और न ही कोई मुझे डरा सकता है। सिंधुजा मिश्रा का कहना है कि लोकतंत्र में कोई बाहुबली नहीं होता है। जिनसे हमारी लड़ाई है हम उन्हें जीरो समझते हैं। हमें पूरा भरोसा है कि जनता का पूरा आशीर्वाद हमें मिलेगा। वर्ष 1993 से अभेद बनी प्रदेश की इस सीट पर सरकारों के बदलने का भी कभी असर नहीं पड़ा है। प्रदेश में भले ही सरकार और मुखिया बदल जाते हैं पर कुंडा के मुखिया राजा भैय्या ही बने रहे हैं। पर इस बार राह आसान दिखती नजर नहीं आती। जहां भाजपा सिंधुजा मिश्रा के बहाने मतों की सेंधमारी करने में जुटी है वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने राजा भैय्या के कभी करीबी सिपहसलार रहे गुलशन यादव को प्रत्याशी बनाकर राजा भैय्या के घर में ही घेरने की कोशिश में जुटी हुई है। जहां राजा भैय्या को इस सीट पर चुनौती मिलती दिख रही हैं वहीं अकेले दम पर अपनी पार्टी जनसत्ता दल की परीक्षा में बेहतर परिणाम देने का दवाब भी है।
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