डीएम ने एडीएम की जांच रिपोर्ट पर शासन व निर्वाचन आयोग को भेजी संस्तुति
डीआइओएस की अपने ही बाबू की गतिविधि पर नजर नहीं थी
आजमगढ़ : 23 जनवरी हो हुई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 के दौरान नकल कराने वाले गैंग में डीआइओएस कार्यालय के बाबू धर्मेंद्र राय उर्फ बबलू राय की गिरफ्तारी के बाद अब जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा पर भी शिकंजा कस गया है। एडीएम प्रशासन की जांच में डीआइओएस की पर्यवेक्षणीय दायित्व में शिथिलता की बात सामने आई है। उनकी रिपोर्ट पर डीएम अमृत त्रिपाठी ने एक पत्र भेजकर डीआइओएस के तबादले, विभागीय कार्रवाई और बाबू के निलंबन की संस्तुति करते हुए शासन एवं निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेजी है। उधर, गैंग के फरार आठ आरोपितों का एक सप्ताह बाद भी पुलिस सुराग नहीं लगा सकी है।पुलिस 23 जनवरी को प्रस्तावित परीक्षा में शुचिता को नुकसान पहुंचाने वालों की बाहें मरोड़ने की तैयारी पहले से ही कर ली थी। इंतजार था तो इनके कुछ ऐसा करने का जो सुबूत बन जाए। हुआ भी वही, 23 जनवरी को परीक्षा के दौरान पुलिस सक्रिय हुई तो गैंग में कथित शामिल 22 लोग हत्थे चढ़ गए। गिरोह में डीआइओएस कार्यालय का बाबू धर्मेंद्र कुमार राय उर्फ बब्लू राय निवासी देवड़ा दामोदरपुर थाना कंधरापुर भी शामिल है। उसकी संलिप्ता को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एडीएम (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र से जांच कराई तो पाया गया कि डीआइओएस का अपने ही बाबू की गतिविधि पर नजर नहीं थी। डीएम अमृत त्रिपाठी ने मीडिया में बताया की यूपी-टेट में नकल कराने के आरोप में डीआइओएस कार्यालय के एक बाबू के गिरफ्तार होने पर एडीएम प्रशासन से प्रकरण की जांच कराई गई। जिसमें डीआइओएस को अपने आफिस के कर्मचारी पर शिथिल पर्यवेक्षण का दोषी पाया गया है। इनके स्थानांतरण के संबंध में शासन और चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजी गई है।
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