बारिश से गेहूं को फायदा, फूल लग चुके दलहनी व तिलहनी फसलों को नुकसान की आशंका
आजमगढ़ : इस महीने के आखिरी सप्ताह में अचानक मौसम ने करवट बदला तो हर कोई कांप उठा। मंगलवार की शाम बारिश के बाद बुधवार को भी सुबह से आसमान में बादल छाए रहे।इस बीच सर्द हवा के कारण ठंड काफी बढ़ गई। सुबह से लेकर रात तक हर कोई कांपते नजर आया। घरों से लेकर बाजार तक अलाव राहत का सहारा बना। उन लोगों के सामने समस्या ज्यादा गंभीर रही, जो किराए के कमरों में रहते हैं।टंकी में स्टोर पानी बर्फ सा लग रहा था और स्नान के लिए पानी गर्म करना पड़ा। एक दिन पहले तक अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 13 डिग्री रहा, जबकि बुधवार को लुढ़ककर अधिकतम 19 डिग्री पहुंच गया।नमी 62 से बढ़कर 94 फीसद रही। इस बीच तीन से 13 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा ने और भी कंपकपी बढ़ा दी। इस महीने शुरू से मौसम सामान्य देख हर किसी ने राहत महसूस की। लगा कि अबकी ठंड इससे ज्यादा नहीं पड़ेगी, लेकिन बारिश होने से समस्या बढ़ गई है। शाम तक मौसम सामान्य नहीं हुआ और आसमान में बादल छाए रहे। बारिश के कारण जहां एक ओर गलन और बढ़ गई तो वहीं दूसरी ओर शहरी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शहर की गड्ढायुक्त सड़कों पर कीचड़ और जलजमाव के कारण सभी को परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर बारिश के कारण कहीं किसानों के चेहरे खिले तो कही मुरझा गए। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं और जौ की फसल में सिंचाई की जरूरत बारिश ने पूरी कर दी। इस प्रकार हल्की बारिश गेहूं और जौ के लिए वरदान साबित हुई, लेकिन जिन दलहनी और तिलहनी फसलों में फूल निकल आए उनके लिए बारिश नुकसानदायक है। हल्की बारिश के साथ तेज हवा के कारण सरसों व अरहर के फूल गिरने की संभावना काफी बढ़ गई है। अगर आसमान साफ नहीं हुआ तो माहो का खतरा भी बढ़ जाएगा। आलू की फसल में पाले की संभावना है।
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