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आज़मगढ़: बाल दिवस पर कवियों की रचना सुन श्रोताओं ने लगाए ठहाके


हसीन हल्के में ना लें बुजुर्गों को, मिर्चा सूखने पर और भी जहरीला होता है’- बिहारी लाल अंबर

रेनबो नेशनल स्कूल में कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन हुआ

आजमगढ़: जिले के अकबरपुर बिलरियागंज स्थित रेनबो नेशनल स्कूल में बाल दिवस पर कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया। कवियों की रचना पर श्रोता लोट-पोट होते रहे। कवि बिहारी लाल अंबर ने ‘बुजुर्गों का हमारे गांव में सम्मान इतना है, बड़ों को देख छोटे चारपाई छोड़ देते हैं’ सुनाकर संस्कार की बात कही, तो वहीं ‘भले हो जिस्म बूढ़ा दिल रंगीला होता है, जमाने की तरह यह वक्त भी जोशीला होता है, हसीनों हल्के में ना लेना इन बुजुर्गों को मिर्चा सूखने पर और भी जहरीला होता है’ सुनाकर लोगों को खूब हंसाया। इसके बाद भी उनका क्रम नहीं टूटा तो‘ यह मेले में सजा ठेला पर सेब कौन देखेगा, हमारे बिन तुम्हें बोलो अकेला कौन देखेगा, इतना सज-संवरकर मेले में जाओगी तुम जानम, सब देखेंगे तुम्हे तो मेला कौन देखेगा’ लोगों को बांधे रखा। अयूब वफा की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि अपर आयुक्त अनिल कुमार मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर किया।एसएस पाठक, असद माऊली, नसीम शाह, डा. सच्चिदानंद पांडेय, विशाल बौखल बाराबंकी, महापंडित प्रखर, शादाब आजमी, शाह खालिद, अमानतुल्लाह एवं पंकज मिश्र ने भी अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर लोगों को बांधे रखा। संचालन रजब अली शेखानी ने किया।ब्लाक प्रमुख रमेश यादव, नगर पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र विश्वकर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष अमित कुमार गुप्ता आदि उपस्थित थे। स्कूल के चेयरमैन डा. जेपी पांडेय, प्रधानाचार्या प्रियंका त्रिपाठी ने कवियों को धन्यवाद दिया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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