क्षेत्राधिकारी बूढ़नपुर और इंस्पेक्टर के समझाने पर किसी तरह से मामला शांत हुआ
आजमगढ़ : अतरौलिया में पुलिस की कार्यशैली से पूजा समितियों का गुस्सा भड़क गया। सभी समितियां एकजुट हो गईं और प्रतिमा विसर्जन न करने की चेतावनी दे डाली। क्षेत्राधिकारी बूढ़नपुर और इंस्पेक्टर के समझाने पर किसी तरह से मामला शांत हो सका। शरद पूर्णिमा के दिन लगने वाला तीन दिवसीय मेला सुचारु रूप से चल रहा था। लोग प्रतिमा का दर्शन-पूजन करने के बाद मेले का आनंद ले रहे थे। आरोप है कि उसी समय रात 11 बजे अतरौलिया थाना के एसआइ सुल्तान सिंह तीन-चार सिपाहियों के साथ मेले में पहुंचकर फुटपाथ के दुकानदारों के साथ ही मेलार्थियों को भगाने लगे। इसकी जानकारी पर पूजा समितियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। सभी समितियों के लोग एक जगह जुटकर पुलिस की कार्यशैली का विरोध करते हुए प्रतिमा विसर्जन न करने का फैसला ले लिया। साथ ही डीएम और एसपी को भी मामले से अवगत कराया। इसकी सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी गोपाल स्वरूप वाजपेयी व प्रभारी निरीक्षक अतरौलिया राजेश कुमार सिंह ने मेला क्षेत्र में पहुंचकर पूजा समितियों को समझाया और दारोगा के कृत्य को निदनीय बताया। समितियों ने बताया कि एक दिन का मेला शेष है। मेले में नगर व आसपास के गांवों की महिलाएं भी आती हैं। ऐसे में अगर पुलिस प्रशासन 11 बजे के बाद मेला बंद करवाता है तो मेले में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मेला किसी भी तरह से बाधित नहीं किया जाएगा। उसके बाद समितियों ने अपने स्तर से मेला को सुचारु रूप से चलाने की घोषणा कर दी।
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