माता- पिता को खोया तो नाना ने दिया स्नेह, उनकी कमी खली तो पंहुचीं वृद्धाश्रम
आज़मगढ़: कहा जाता है कि घर में बड़े बुजुर्ग रहते हैं तो अगली पीढ़ी में अच्छे संस्कार आते हैं।। इसी को चरितार्थ किया अतरौलिया क्षेत्र के ग्राम हाथीपुर की बिटिया वैष्णवी श्रीवास्तव ने। पिता अतुल का देहांत 8 साल पहले और माता का पिछले वर्ष देहांत हुआ तो वैष्णवी कुछ दिनो तक अपने नाना कोयलसा डिग्री के प्रोफ़ेसर रहे ज्ञानसवरूप श्रीवास्तव की छत्र छाया मे रही। बुजुर्ग ने नातिन में ऐसे संस्कार भरे की कुछ महीनों पूर्व उनके गुजर जाने पर वैष्णवी ने बुजुर्गों और अनाथों की ही सेवा का संकल्प किया। बुधवार को वैष्णवी अपने 15वें जन्मदिवस पर नाना की दी हुई सीख पर अमल करते हुए निजामाबाद तहसील अंतर्गत फरिहा , बघौरा इमामपुर वृद्धाश्रम आश्रम पंहुचीं और वहां बुजुर्गों संग केक काट अपना जन्म दिन मनाया । वैष्णवी ने बुजुर्गों में लंच पैकेट बांटा और सभी का पैर छू कर आर्शीवाद लिया। इस अवसर पर भावुक हो वैष्णवी ने बताया कि उन्हें अपने नाना से प्रेरणा मिली थी। उन्होंने अफसोस भी जताया कि पता नही कैसे लोग अपने ही परिवार के बड़ों को ऐसे छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि वो अनाथाश्रम भी जाना चाहती थी किंतु जिले में कही ऐसी जगह नही मिली। अब ष्णवी अपने चाचा अमित कुमार श्रीवास्तव की लाडली बन उनके साथ शहर के आराजीबाग क्षेत्र में रह रही हैं।
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