राष्ट्रीय लोक अदालत में 43,677 वादों का हुआ निस्तारण
आजमगढ़: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को जनपद न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। शुभारंभ जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दिनेश चंद ने सरस्वती के चित्र के समक्ष दीपार्चन एवं पुष्पार्चन कर किया। जनपद न्यायाधीश ने कहाकि लोक अदालत एक ऐसा माध्यम है जिसमें किसी पक्ष की हार नहीं होती और सिविल मामलों में कोर्ट फीस भी संबंधित पक्ष को वापस हो जाती है। उन्होंने स्वयं कुल 17 वादों का निस्तारण किया। नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत ओम प्रकाश वर्मा तृतीय एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनीता की देखरेख में कुल 71,872 वादों में से 43,677 वादों का निस्तारण किया गया। लालता प्रसाद द्वितीय प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ने 41 वादों सहित कुल 73 वादों का पारिवारिक न्यायालय से निस्तारण किया। रेनू राव न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने 39, शिवचंद अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय संख्या-एक ने तीन वादों का निस्तारण किया। पारिवारिक न्यायालय से अलग रह रहे दंपती के वादों का निस्तारण कराकर उनको एक साथ रहने और दंपतियों को आशीर्वाद देकर व माला पहनाकर विदा किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 1736 वादों का निस्तारण किया। 4,11,000 रुपये की धनराशि का अर्थदंड आरोपित किया। साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों और बीएसएनएल ने भी स्टाल लगाकर प्री-लिटिगेशन के 1560 वादों का निस्तारण करते हुए कुल 4,43,49,400 रुपये का समझौता किया गया। जिसमें 1,68,69,084 रुपये वसूल किया गया।
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