असपालपुर-आजमबांध की भूमि राज्य विश्वविद्यालय के नाम कर दी गई- मंडलायुक्त
सितम्बर में शिलान्यास होने की संभावना है,मुख्य सचिव खुद कर रहे मॉनिटरिंग
आजमगढ़: जिले में 550 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राज्य विश्वविद्यालय के लिए भूमि उपलब्धता की सारी कवायद पूरी हो गई है। ब्लाक जहानागंज के असपालपुर-आजमबांध गांव की पशुचर(चरागाह) खाते की 20 हेक्टेयर भूमि राज्य विश्वविद्यालय(उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश) के नाम कर दी गई। जबकि ब्लाक सठियांव के मोहब्बतपुर महलिया में अधिग्रहित भूमि चरागाह के खाते में दर्ज कर दी गई। कार्यदायी संस्था लाेक निर्माण खंड पांच की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। मंजूरी मिलने के बाद निर्माण शुरू हो जाएगा। विश्वविद्यालय निर्माण प्रक्रिया की मानीटरिंग मुख्य सचिव खुद कर रहे हैं। सितंबर में शिलान्यास की भी संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मोहब्बतपुर 50 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी। लोलैंड होने के कारण अंतिम समय में इस जमीन पर निर्माण का स्थगित कर दिया गया। शासन स्तर से उच्च शिक्षा विभाग की टीम के साथ आए विशेषज्ञों ने असपालपुर-आजमबांध की भूमि का उचित बताया था लेकिन यह भूमि चरागाह के नाम थी। प्रशासन की मुहर लगने के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा गया। सरकार ने कैबिनेट में लैंडयूज परिवर्तन करने का प्रस्ताव पास करा लिया। आदेश आते ही असपालपुर-आजमबांध की भूमि राज्य विश्वविद्यालय के नाम कर दी गई। राज्य विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-पांच को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। साथ ही विश्वविद्यालय तक जाने वाले 2.36 किमी लंबे रास्ते के लिए किसानों से भूमि खरीद करने के साथ ही रास्ते का निर्माण भी किया जाएगा। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया की असपालपुर-आजमबांध की भूमि राज्य विश्वविद्यालय के नाम कर दी गई है। चरागाह की भूमि होने के कारण मोहब्बतपुर की भूमि को चरागाह खाते में कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था ने निर्माण से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। संभावना जताई जा रही है कि सितंबर में शिलान्यास किया जाएगा।
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