सरकार की नई तबादला नीति से आक्रोशित डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ दो घंटे काम से रहे विरत
मंडलीय अस्पताल में एकजुटता दिखाते हुए प्रदर्शन किया
आजमगढ़ : स्वास्थ्यकर्मियों के दो घंटे का सांकेतिक हड़ताल शुक्रवार को मरीजों, तीमारदारों के लिए भारी पड़ी। डाक्टर, स्वास्थकर्मियों के दो घंटे विलंब से ओपीडी में बहुत लोग बैरंग हो लिए थे, जबकि मौजूद लोगों को लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। सरकार की नई तबादला नीति के विरोध में स्वास्थ्यकर्मी सांकेतिक हड़ताल पर थे। ड्यूटी पर लौटे भी तो इस हिदायत के साथ कि कल भी ओपीडी विलंबित रहेगी और फिर भी बात नहीं बनी तो लड़ाई की नई रूपरेखा में दिखेगी। सरकार चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले के लिए नए मानक बनाई है। तीन साल से ज्यादा एक जगह पर तैनात कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। कर्मचारी, चिकित्सक इसका विरोध कर रहे हैं। कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर ही शुक्रवार को जिम्मेदारों ने दो घंटे का सांकेतिक हड़ताल किया था। जबकि मरीज, तीमारदार इस बात से अंजान होने के कारण सुबह आठ बजे ही अपने निकटतम अस्पताल में इलाज को पहुंच गए थे। वहां ताला पड़ा देख हैरान व परेशान हाल में घूमते नजर आए। दरअसल कोई यह बताने वाला नहीं था कि चिकित्सक चैंबर में आखिर बैठे क्यों नही हैं? एसआइसी डा. अनूप कुमार सिंह ओपीडी में लौटने के लिए मातहतों को समझाए भी, लेकिन बातचीत में ही दो घंटे का समय निकल जाने से कोई नतीजा नहीं निकल पाया। आंदोलनकारी अपने हड़ताल का समय बीतते ही अपनी ड्यूटी पर लौट गए।
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