दोनो संगठनों ने असहाय परिवारों के मृतकों के लिए निशुल्क 20-20 क्विंटल लकड़ी रिजर्व किया
आजमगढ़ : गरीबों के शव का अंतिम संस्कार अब विधि विधान से हो सकेगा। समाजसेवी संस्था प्रयास व भारत रक्षा दल ने चिता के लिए लकड़ी के एक-एक बैंक की स्थापना की है। दोनों ही संस्थाओं ने अपने-अपने सदस्य श्मशान घाट पर तैनात कर दिए हैं। ऐसे में गरीबों के शवों को धन के अभाव में लकड़ी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कोरोना के पीक पर रहने के दौरान गरीबों को अपनों के शवों की चिता सजाना भारी पड़ रहा था। हालांकि, प्रशासन ने 700 रुपये प्रति क्विंटल का दर निर्धारित करके बैनर भी लगवा दिया, लेकिन यह तब भी गरीबों के लिए मुश्किल था। अब जरूरतमन्दो को शव दाह के लिए मुफ्त में लकड़ी मिल सकेगी। प्रयास संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहाकि हमलोग गरीबों की मदद तो करते ही चले आ रहे हैं। कोरोना काल में ही अंतिम संस्कार के लिए संस्था की ओर से कई को लकड़ी दिया गया। परेशानी इस बात की थी, हम कई जरूरतमंदों तक चाहकर भी नहीं पंहुच पा रहे थे। ऐसे में लकड़ी बैंक खोलने पर सहमित बनी तो 20 क्विंटल से इसकी शुरुआत की गई है। श्मशान घाट (राजघाट) पर जिम्मी सोनकर की देखरेख में हमलोगों ने 20 क्विंटल लकड़ी़ का बंदोबस्त किया है। यह स्टाक अनवरत बना रहेगा, इसे बाइलाज में शामिल किया गया है। अंतिम संस्कार में दिक्कत हुई तो भी मदद की जाएगी। वहीं भारत रक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा लकड़ी बैंक गरीबों को समर्पित हैं। हमारी संस्था पहले से जिले में लावारिश शवों का अंतिम संस्कार कराती आ रही है। अब लकड़ी बैंक के अस्तित्व में आने से हमारे सामाजिक सरोकार का दायरा बढ़ा है। श्मशान घाट पर 20 क्विंटल लकड़ी गिरा दी गई है। गरीब व्यक्ति को श्मशान घाट पर किसी से हमारा पता पूछने की जरूरत नहीं है। हमने बकायदा एक बैनर लगा दिया है, जहां से जरूरतमंद आसानी से हम तक पहुंच जाएंगे। हां लकड़ी प्राप्त करने के लिए परिवार का असहाय होना जरूरी होगा। लकड़ी बैंक खुलने से गरीबों को कम से कम विधि विधान से अपनो का अंतिम संस्कार करने का मौका मिलेगा।
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