डीह बाबा व देवी-देवताओं को धार देने,अगरबत्ती और कपूर जलाने का सिलसिला सा शुरू हो गया है
आज़मगढ़: एक तरफ जहां विज्ञान का सर्वस्व बोलबाला है वहीं आस्था अपना एक अलग ही रास्ता चुनती है जो तर्क पर नही विश्वास पर तय होता है। सच ही है कि विश्वास और अंधविश्वास के बीच बहुत बारीक अंतर होता है । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए अब लोग देवी-देवताओं के शरण में जाने लगे हैं। जिले के कई क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाएं डीह बाबा स्थान और खेतों में जा कर पूजन कर रहीं हैं । रविवार को सगड़ी तहसील के मनिकाडी में दर्जनों महिलाओं ने पूजन-अर्चन कर वैश्विक बीमारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की। सभी ने पूजा-पाठ, स्तुति, अर्चना करते हुए भगवान से कोरोना वायरस से संक्रमित जितने भी लोग हैं, उन्हें भगवान इस बीमारी से लड़ने की शक्ति देंऔर स्वस्थ रखने की कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने अगरबत्तियां जलाकर तथा डीह बाबा के नाम चढ़ावा निकालकर मन्नत मांगी। सगड़ी तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव में कोरोना वायरस महामारी से मुक्ति के लिए लोग अनेक प्रकार की जतन कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा पाठ और देवी-देवताओं को धार देने अगरबत्ती और कपूर जलाने का का सिलसिला जारी है। ताकि लोगों को इस महामारी से निजात मिल सके। क्षेत्र के बोझिया, मालटारी, मनिकाडीह, डोरवा, बांसगांव, गड़ेरीपट्टी, अजमतगढ़, अंजानशहीद, जीयनपुर, रामगढ़, इसरापार, दान शनिचरा सहित दर्जनों गांव में महिलाओं ने सुबह स्नान करने के बाद काली, डीह सहित अन्य देवी-देवताओं के स्थान पर पहुंच धार दे रही हैं। साथ धूप और कपूर जला रही हैं, कढ़ाई चढ़ाई जा रही है। महिलाओं ने बताया कि यह सिलसिला सात दिन से लेकर नौ दिन तक चलेगा। कोरोना से निजात पाने के लिए पूजा-अर्चना करने पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना से निजात पाने के लिए हम गांव की दर्जनों महिलाओं ने डीह बाबा की पूजा-अर्चना कर बीमारी से शीघ्र निदान की प्रार्थना की हैं, उन्होंने बताया कि जो भी भक्त डीह बाबा को सच्चे मन से सुमिरन करता हैं वह उनको मनचाहा वरदान पूरी करते हैं। बताया कि देवी देवताओं के स्मरण के बदौलत ही विश्वव्यापी इस महामारी से निजात पाया जा सकता हैं।
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