केंद्रों पर नजारा वोट देने जैसा दिखा,बिना रजिस्ट्रेशन पंहुचे लोगों को वापस भेज गया
पहला दिन होने और भीड़ उमड़ने से परेशान दिखे स्वास्थ्य कर्मी,ऑनलाइन चेकिंग से हुई थोड़ी देर
आजमगढ़ : टीकाकरण केंद्रों पर सोमवार को युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। युवक हों या फिर युवतियां उनमें टीका लगवाने की ललक देख लोग बरबस बोल रहे थे कि युवा कोरोना को हराकर मानेंगे। दरअसल, शहर से लेकर गांव तक में टीका लगवाने को सुबह ही युवाओं ने लंबी लाइनें लगा ली थीं। टीकाकरण केंद्र के बाहर सेल्फी लेने की होड़ मेले के माहौल को फेल करने वाला था। टीकाकरण केंद्रों पर अलर्ट रहे स्वास्थ्यकर्मी स्वास्थ्यकर्मियों को उम्मीद थी कि युवा उमड़ेंगे। इसे भांप समय पूर्व अधिकतर टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थकर्मी पहुंच गए थे, लेकिन टीकाकरण शुरू हुआ तो मुकम्मल तैयारियों के बावजूद रफ्तार धीमी रही। दरअसल, युवाओं को रिफरेंस आइडी व चार अंकों का कोड चेक करने के बाद टीका लगाए जा रहे थे। हालांकि, पहला दिन होने के कारण भी थोड़ी मुश्किल हुई। टीकाकरण केंद्रों पर युवाओं की लंबी लाइन लगी थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो युवा किसी को वोट देने के लिए इत्मीनान से खड़े हों। चूंकि सीधा वैक्सीन लगाने की बजाए, स्वास्थ्यकर्मियों को सॉफ्टवेयर के जरिए रजिस्ट्रेशन चेक करने के कारण समय लग रहा था। ऐसे में दोपहर में एक बजे तक 811 लोगों को ही टीका लग पाया था। सेल्फी के नजारे ने माहौल को मेले जैसा कर दिया था। कई युवक-युवतियां खुद तो बहुतेरे अपने परिवार के साथ सेल्फी ले रहे थे। युवाओं से बात करने पर पता चला कि अधिकतर रिश्ते में भाई, बहन, भाभी हैं। अधिकतर ने बातचीत में बताया कि एक-एक युवा टीका लगवाएगा। उसके साथ कोविड नियमों का पालन भी करेगा। हमने मन में ठाना है कि कोरोना को देश से भगाना है।
24 केंद्रों पर लगे टीके, ग्रामीणों में जबरदस्त जोश
जिले के 24 स्थानों पर टीके लगाए गए। मंडलीय अस्पताल व जिला महिला चिकित्सालय में ज्यादा भीड़ की उम्मीदें थी, लेकिन ग्रामीण युवाओं ने सबको पीछे छोड़ दिया। सीएचसी, पीएचसी पर उमड़ी भीड़ इसका सबूत रही। शहरी अस्पतालों में कोविड गाइड लाइन का पालन करते युवा जरूर नजर आए। सीएचसी-पीएचसी में शारीरिक दूरियां तार-तार होती नजर आईं।
बड़ी संख्या में बैरंग लौटे युवा
विभिन्न टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे दर्जनों युवाओं को पहले दिन निराशा मिली। दरअसल, इन लोगों ने पहले रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। ये सीधा आधार कार्ड लेकर टीकाकरण केंद्र पर जा पहुंचे थे। इन्हें उम्मीद थी कि पहुंच जाएंगे तो टीका लगाने से वंचित नहीं रहेंगे। वहां पहुंचने पर पता चला कि कंप्यूटर साहब की अनुमति चाहिए होगी। कुछ युवाओं ने कई तरह की दुहाई दी, लेकिन बात नहीं बन पाई। उन्हें यह जरूर बताया गया कि रजिस्ट्रेशन कैसे कराना है।
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