सूचना का अधिकार एक्ट के लिए जागरूकता आई है पर अभी और प्रयास करना है- राज्य सूचना आयुक्त
आजमगढ़: रविवार को जिले में पहुंचे राज्य सूचना आयुक्त अजय उप्रेती ने प्रेस से बात करते हुए कहा की जन सूचना का अधिकार आम लोगों के लिए एक सशक्त माध्यम है और सूचना आयोग लगातार इसके लिए काम कर रहा है। अगर किसी व्यक्ति को संबंधित विभाग के जन सूचना अधिकारी से जवाब तय समय पर नहीं मिलता है तो वह प्रथम अपीलीय अधिकारी के यहां भी आवेदन कर सकता है। वहां से भी जवाब नहीं मिलता है तो वह फिर आयोग पर सीधे शिकायत कर सकता है। इसमें सूचना न देने वाले अधिकारी पर दंड लगाने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि आरटीआई एक्ट 2005 में लागू हुआ था तभी सूचना आयोग भी बना था। 15 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अभी भी इसमें बहुत काम होना बाकी है। इसको और सशक्त बनाना होगा। ग्रामीण इलाकों में बहुत जागरूकता आई है लेकिन अभी भी लोगों को और जागरूक किया जाना है। इसके लिए अधिकारियों की लगातार ट्रेनिंग भी चल रही है, अभियान भी चलता है। उन्होंने बताया कि किसी की निजता और कुछ विशेष विभाग जैसे पुलिस फोर्स, सेना, सीबीआई जैसे संस्थानों से सूचना नहीं मांगी जा सकती। हालांकि अगर इसमें कोई भ्रष्टाचार और व्यापक तौर पर जनता से जुड़ा मामला हो इस को सिद्ध करके यहां से भी सूचना मांगी जा सकती है। कहा कि 30 दिन के अंदर जन सूचना अधिकारी को जवाब देना ही होता है। अगर नहीं दिया जा सकता है तो यह भी जवाब देना है कि इस एक्ट के तहत यह जवाब नहीं दिया जा सकता। अगर इसके बाद भी कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। सूचना आयुक्त आजमगढ़ के करताल पुर बायपास स्थित हरिश्चंद्र मिश्रा पब्लिक स्कूल में जल संरक्षण पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे।
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