सीओ के आदेश पर दूसरे पक्ष ने भी एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कराया
निष्पक्ष जांचकर कार्रवाई का आश्वासन मिला तो तीन घंटे बाद घेराव खत्म हुआ
आजमगढ़ : भूमि विवाद को लेकर हुई मारपीट की घटना में एक पक्ष पर अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में मुकदमा दर्ज होने से रविवार को सुबह दूसरे पक्ष का गुस्सा फूट पड़ा। रविवार की सुबह एक पक्ष के बड़ी संख्या में लोगों ने रौनापार थाने का घेराव कर दिया। सीओ के आदेश पर दूसरे पक्ष ने भी एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कराया। सीओ ने निष्पक्ष जांचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया तो साढ़े तीन घंटे बाद घेराव खत्म हो गया।
रौनापार थाना क्षेत्र के नई बस्ती के दो पक्षों में भूमि विवाद को लेकर दो दिन पूर्व मारपीट हुई थी। उसी विवाद में एक पक्ष ने स्वयं केस दर्ज कराने के बजाए दूसरे को वादी बनाते हुए श्याम जी पटेल, संजय, सरवन निषाद सहित दो दर्जन से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ एससी-एसटी समेत कई धाराओं में केस दर्ज करा दिया। दूसरे पक्ष की सुनीता देवी की तहरीर पर छह लोगों को विभिन्न धाराओं में नामजद किया गया। एक पक्ष के लोगों को जब एससी-एसटी की धाराएं लगने की जानकारी हुई तो परेशान हो उठे। जानकारी की तो पता चला कि अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति की तहरीर पर कार्रवाई हुई है। जबकि उससे विवाद से कोई लेना देना ही नहीं है। नाराज लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और वे रविवार की सुबह 11 बजे रौनापर थाने पर पहुंचकर घेराव कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। फर्जी तरीके से दर्ज एससी-एसटी की धाराएं हटाने की मांग कर रहे थे। बात बिगड़ती देख रौनापार थानाध्यक्ष नवल किशोर सिंह ने दोनों पक्षों को बुलाकर उनसे वार्ता करने में जुट गए। हालांकि, बहुत देर बाद तक विवाद का कोई हल नहीं निकला तो सीओ सगड़ी अजय कुमार भी आ गए। सीओ के आदेश पर दूसरे पक्ष के देवारा गरीब दुबे निवासी चंद्रभान राम की तहरीर पर ओम प्रकाश वर्मा, अमित वर्मा, सुशील वर्मा, दयाराम यादव व आशीष कुमार गुप्त सहित छह लोगों के खिलाफ एससी-एसटी समेत विभिन्न धाराओं मुकदमा दर्ज कर लिया। सीओ ने निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया तो दोपहर ढाई बजे घेराव खत्म हो गया।
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