डीजीपी एटीएस के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने शुरू की 3000 वर्ग फ़ीट भूमि की तलाश
आजमगढ़: पूर्वांचल में आतंकवाद की जड़ पर चोट करने व फरार आतंकियों को गिरफ्तारी का प्रयास तेज करने के लिए अब यूपी एटीएस आजमगढ़ में एटीएस यूनिट बनाएगा। डीजीपी एटीएस ने यहां एटीएस यूनिट स्थापित करने के लिए डीएम को पत्र लिखकर तीन हजार वर्ग फीट भूमि की मांग की है। जिलाधिकारी के निर्देश पर भूमि की तलाश तेज कर दी गयी है। भूमि मिलते ही यहां कार्यालय के साथ ही कमांडो कक्ष व बैरेक का निर्माण शुरू किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 1993 में हुई मुंबई सीरियल ब्लाट के बाद पहली बार आजमगढ़ का नाम आतंकी वारदातों से जुड़ा तो फिर जुड़ता चला गया। चाहे गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट रहा है या दिल्ली व अन्य प्रदेशों में हुए धमाके हर जगह आजमगढ़ का नाम सामने आया। यहां तक कि बटला एनकाउंटर में भी आजमगढ़ के संजरपुर के रहने वाले दो लोग मारे गए जबकि आज भी आधा दर्जन फरार बताए जाते हैं। एटीएस व खुफिया एजेंसियों की नजर में आजमगढ़ जिला आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों की पनाहगाह बन चुका है। फरार चल रहे आतंकियों की चार्जशीट भी खोली गयी है लेकिन अब तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। लखनऊ से यहां के लोगों पर नजर रखना मुश्किल साबित हो रहा है। यहीं वजह है कि अब जिले में भी आतंकवाद निरोधी दस्ते के यूनिट की जरूरत महसूस की जा रही है। पुलिस महानिदेशक एटीएस डॉ. जीके गोस्वामी ने डीएम को पत्र लिख कर जिले में एटीएस यूनिट के लिए 3000 वर्ग फीट भूमि उपलब्ध कराने को कहा है। जिला प्रशासन डीजीपी के पत्र के बाद सक्रिय हो गया है और सीआरओ हरिशंकर को जमीन की तलाश के निर्देश दिए गए हैं। विभाग के मुताबिक तीन हजार वर्ग फीट भूमि मिलने पर उसमें एटीएस के कार्यालय के साथ ही कमांडो कक्ष व बैरक आदि का निर्माण कराया जाएगा। यूनिट के जिले में स्थापित करने के लिए जरूरी भवन के साथ ही अन्य संसाधन भी मुहैया कराए जाएंगे। पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि यहां एटीएस यूनिट स्थापित करने की योजना है। डीजीपी एटीएस द्वारा भूमि की मांग की गई है, जिसके लिए संबंधित विभाग को भूमि तलाश के लिए पत्र लिख दिया गया है। भूमि मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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