महाराष्ट्र व पांडिचेरी समेत कई प्रांतों में जबरदस्त डिमांड, 80 फीसद की हो चुकी आपूर्ति
पीएम के वोकल फार लोकल मुहिम से 150 महिलाएं अपने कैरियर ट्रैक पर भर रहीं रफ्तार
आजमगढ़ : अबकी दीपावली में बाजार में चाइनीज उत्पादों का दम निकल रहा है। प्रधानमंत्री की 'लोकल फार वोकल' मुहिम हथियार बनकर उभर गया है। गाय के गोबर से बनी भगवान गणेश व मां लक्ष्मी की मूर्तियों को गरीब, अमीर सभी तवज्जो दे रहे हैं। 150 महिलाएं व बच्चे रात-दिन मेहनत करके भी मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब साज फाउंडेशन ने एलएसी के गलवान घाटी की घटना के बाद जून में ही चीन को सबक सिखाने के लिए गोबर व आर्गेनिग रंगों वाली मूर्तियां बनाने की ठानी तो डेढ़ सौ महिलाओं की फौज खड़ी हो गई। मूर्तियों के निर्माण में तुलसी का बीज, तीसी (अलसी), लोहबान का प्रयोग हो रहा है। पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों को गमले में विसर्जित करने से तुलसी का पौध अंकुरित होगा। कीमत भी चीनी मूर्तियों के मुकाबिल कम होने से खूब पसंद किया जा रहा। पांडिचेरी, महाराष्ट्र, समेत कई प्रांतों में जबरदस्त डिमांड है। 80 फीसद की आपूर्ति भी की जा चुकी है। देश के विभिन्न शहरों में 20 हजार मूर्तियां आपूर्ति की जा चुकी हैं। लोगों ने यूट्यूब और फेसबुक पर देखकर आर्डर किए हैं। मूर्तियों को बनाने में देसी व गायों के गोबर दो रुपये किलो खरीदा जा रहा है। 150 महिलाएं भी रोजगार पाकर समृद्ध हो रहीं हैं। साज फाउंडेशन की निदेशक डा. संतोष सिंह ने कहा कि प्रकृति में संभावनाओं का भंडार है। हमने उसे ढूंढ़ा, कदम बढ़ाया तो सफलता मिली। हमारे उत्पादों से चीन को पटखनी मिली है। यूट्यूब, फेसबुक पर लोग डिजाइन पंसद कर आर्डर दे रहे हैं। कच्चे माल की किल्लत नहीं, दूसरों को भी करना चाहिए। आर्थिक समृद्धि संग देश के काम भी आ सकेंगे।
Blogger Comment
Facebook Comment