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आज़मगढ़: मुकुट पूजन और नारद मोह के मंचन के साथ शुरू हुई रामलीला


श्री रामलीला समिति पुरानी कोतवाली के तत्वावधान में आयोजित रामलीला का शुभारंभ हुआ

मिथिला बिहार से आए कलाकारों ने नारद मोह का मंचन कर दर्शकों का मनोरंज किया

आजमगढ़। नगर के पुरानी कोतवाली में होने वाली श्री रामलीला की शुरुआत शुक्रवार की रात मुकुट पूजन और नारद मोह के मंचन से हुआ। मंचन में नारद के बंदर रुप ने लोगों को लोट-पोट कर दिया। कलाकारों की जीवंत प्रस्तुतियों की दर्शकों ने तालियों से सराहाना की। बीच-बीच में भगवान श्रीराम के लग रहे जयकारों से वातावरण श्रीराममय हो गया था।श्री रामलीला समिति पुरानी कोतवाली के तत्वावधान में आयोजित रामलीला का शुभारंभ शुक्रवार की शाम डा. अशोक सिंह ने मुकुट पूजन और हवन-पूजन कर किया। इसके बाद मिथिला बिहार से आए कलाकारों ने नारद मोह का मंचन किया। मंचन के क्रम में नारद के घमंड को तोडऩे के लिए श्री विष्णु भगवान ने नारद को बंदर का रुप देते हैं। इसके बाद नारद श्रीनगर के राजा की पुत्री से शादी करने जाते हैं। राजा के दरबार में बंदर के रुप को देख लोग खूब हंसते हैं। इसी बीच शंकर जी के भेजे गए दो गणों ने नारद को उनका बंदर वाला चेहरा दिखाते हैं। अपने इस रुप को देख नारद क्रोधित हो जाते हैं और वहां से चले जाते हैं। साथ ही नारद दोनों गणों को श्राप देते हैं कि जाओं तुम दोनों राक्षस बन जाओगे। मंचन के दौरान नारद के बंदर के रुप को देख दर्शक हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाते हैं। इसी क्रम में कलाकारों ने रावण अत्याचार का मंचन किया। मंचन के क्रम में कलाकारों ने सर्वप्रथम रावण जन्म का मंचन किया। इसके बाद कलाकारों ने रावण अत्याचार का मंचन किया। जिसमें रावण के अत्याचार से धरती पर ऋषि-मुनी और स्वर्ग में देवी-देवता त्राहि-त्राहि करने लगते हैं। रावण के अत्याचार से परेशान देवी-देवता मदद के लिए दर-दर भटकते हैं। इस दौरान आकाश में भ्रमण कर रहे नारद जी को देवताओं को परेशान देखते हैं और उनके पास जाते हैं। पूछने पर देवता नारद को अपनी पीड़ा बताते हैं। तो नारद देवी-देवताओं को भगवान विष्णु के पास जाने की सलाह देते हैं। इस पर सभी देवी-देवता झीर सागर विष्णु जी की शरण में पहुंचते हैं और अपनी समस्या बताते हैं। विष्णु जी देवी-देवताओं की बात को सुन कष्टों से छुटकारा दिलाने का आश्वासन देते हैं। देर रात रामलीला के समापन पर प्रभु श्रीराम की आरती उतारी गई। इस दौरान लगे श्रीराम के जयकारों से पंडाल राममय हो गया था। श्रीराम लीला का संचालन संयोजक विभाष सिन्हा ने किया। इस मौके अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार गुप्त, डा. राजेंद्र कुमार अग्रवाल, श्रीचंद मोदनवाल, कमल कुमार गुप्ता, सुरेश जायसवाल, श्रवण कुमार, सुरेश केशरवानी, सतोष नेता, राजीव चौरसिया, संतोष जायसवाल, भोला सेठ, राकेश गुप्ता, पवन गुप्ता, अजय मोदनवाल आदि मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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