1990 में रोजी रोटी के लिए दिल्ली गए थे कांता प्रसाद, बाबा का ढाबा नाम से शुरू किया था ढाबा
लाकडाउन के बाद बंद हो गया था ढाबा, अनलाॅक हुआ तो न राशन का पैसा था न ग्राहक
आजमगढ़: महामारी के इस दौर में कइयों से उनका सबकुछ छिन गया। लोग मुफ्लिसी की जिंदगी जी रहे हैं। ऐसा ही एक मजबूर बुर्जग दंपति दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज था लेकिन उसके जीवन में एक फरिश्ता आया और उसकी छोटी सी पहल ने इस दंपति का जीवन बदल दिया। आज यह दंपति देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां में चर्चा का विषय बना हुआ है। आज आंसू की जगह उनके चेहरे पर मुस्कान है। इस बुजुर्ग दंपति के कारण देश के राजधानी दिल्ली में स्थित बाबा ढाबा भी खूब मशहूर हो रहा है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह दंपत्ति मूलरूप से आजमगढ़ जिले के पिपरी गांव का रहने वाला है। बता दें कि आजमगढ़ जिले के पिपरी निवासी कांता प्रसाद 80 व उनकी पत्नी बदामी देवी 74 वर्ष 1990 में रोजी रोटी के लिए दिल्ली गए थे। दंपति ने यहां मालवीय नगर मेन मार्केट में बाबा का ढाबा नाम से छोटी सी दुकान शुरू की थी। उनके दो बेटे व एक पुत्री भी उनके साथ शेख सराय में रहती है। सबकुछ ठीकठाक था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते हुए लाकडाउन में दुकान बंद हो गयी। धीरे-धीरे जमा पूंजी समाप्त हुई तो दंपति पैसे-पैसे के लिए मोहताज हो गया। अनलाॅक के बाद ढ़ाबा खुला तोे ग्राहक नदारद हो गए। हालत यह थी दंपति के पास इतना पैसा नहीं था कि वे राशन खरीद सकें। इसी बीच यू-ट्यूबर गौरव वासन नाम का युवक इस बुजुर्ग दंपति के जीवन में फरिश्ता बनकर आया और उसने कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी की बदहाली का वीडियो बनाकर बुधवार को फेसबुक, ट्विटर व इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया। देखते ही देखते उनकी पीड़ा देश-दुनिया तक पहुंच गई। गुरुवार को हैशटैग बाबा का ढाबा ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। वीडियो में बुजुर्ग रोते हुए कह रहे हैं कि उनके ढाबे पर कोई ग्राहक नहीं आ रहा है। फिर क्या था, गौरव की पहल रंग लाई और बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए लोग आगे आने लगे।कांता प्रसाद की मदद करने के लिए बॉलीवुड से रवीना टंडन, सुनील शेट्टी, स्वरा भास्कर, सोनम कपूर, क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन समेत तमाम हस्तियों ने अपील करते हुए ट्वीट किया। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती भी मदद के लिए पहुंच गए। मदद मिली तो ढाबा भी चालू हो गया। अब दंपति की आंखों में आंसू के बजाय चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है। बताया जा रहा है कि अब तक लोग तीन लाख से अधिक की मदद कर चुके है। ढाबे पर भोजन करने वालों की लाइन लगी हुई है। लोग बढ़ चढ़कर कांता प्रसाद की मदद कर हैं। बाबा का ढाबा लोगों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गया है।
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