लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित किया, इस बार नही लगा मेला
आजमगढ़ : नत्थूपुर अंजान शहीद स्थित शहीद पार्क में रविवार को कारगिल शहीद रामसमुझ यादव का शहादत दिवस सादगी के साथ मनाया गया। इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया। इस बार शहीद मेला नहीं लगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सादगी के साथ करगिल शहीद रामसमुझ यादव के मूर्ति के पास दीप प्रज्ज्वलित किया गया। शहीद के पिता राजनाथ यादव, छोटे भाई प्रमोद यादव, भतीजा अभय यादव, अभिनव यादव, भतीजी कशिश, आराध्या, पंकज यादव, मामा रामवृक्ष यादव, तीरथ यादव, रामप्रसाद यादव, निरंजन यादव, नीरज यादव, राकेश यादव, बालचंद कुशवाहा, वरिष्ठ न्यूरो चिकित्सक डॉ अनूप सिंह यादव , ठाकरे फिल्म के गीतकार लेखक मनोज यादव, चंद्रभान यादव, हरिश्चंद्र यादव, पुजारी आदि लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सगड़ी तहसील क्षेत्र के नत्थूपुर गांव निवासी कारगिल शहीद रामसमुझ यादव का जन्म 30 अगस्त 1977 को सगड़ी के नत्थूपुर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। 1997 में वाराणसी आर्मी में भर्ती हुए। इनकी जॉइनिंग 13 कुमाऊं रेजीमेंट में हुई तथा पहली पोस्टिंग सियाचिन ग्लेशियर में की गई। तीन महीने बाद सियाचिन ग्लेशियर से नीचे आने के बाद 1999 में कारगिल जंग शुरु हो गई जहां इनकी पल्टन को कारगिल युद्ध में भेज दिया गया। यहां उन्होंने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों से कड़ा मुकाबला किया और जंग में लड़ते हुए 30 अगस्त 1999 को शहीद हो गए। उनकी याद में नत्थूपुर स्थित शहीद पार्क में 30 अगस्त को शहादत दिवस पर शहीद मेला लगता है। कोविड -19 के चलते वर्षों की परंपरा टूटी और इस बार शहीद मेला नहीं लगा। लोगों की जांच कर बांटा गया मास्क सगड़ी। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सगड़ी के नत्थूपुर स्थित शहीद पार्क में कारगिल शहीद रामसमुझ यादव को श्रद्धांजलि देने आए लोगों के जांच की पूरी व्यवस्था की गई थी। मुख्य गेट पर ही वालंटियर लगाए गए थे। जो हर आने वाले की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद उनके हाथों को सैनिटाइज करा रहे थे। इसके बाद लोगों में मास्क का वितरण भी किया गया।
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