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आजमगढ़ : खुशमिजाज ,मिलनसार व गरीबों के मसीहा थे डा० असद

'बिछड़ा कुछ इस तरह से कि रुत ही बदल गई ,एक शख्स सारे शहर को वीरान कर गया'

डॉ असद के असामयिक निधन पर शोक सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई

आजमगढ़ : अमजद अली इंटर कॉलेज मोहम्मदपुर आजमगढ़ में कॉलेज के अध्यक्ष डॉ असद के असामयिक निधन पर शोक सभा आयोजित की गई। डॉक्टर साहब एक अजीम शख्सियत के मालिक हुआ करते थे। जिनका ताल्लुक मोहम्मद पुर से था ।वह शिब्ली कॉलेज के वाइस प्रेसिडेंट एवम् अमजद अली इंटर कॉलेज मोहम्मदपुर के प्रेसिडेंट तथा पेशे से एक जनरल फिजिशियन थे ,जिनका सिधारी आजमगढ़ में दवाखाना था । जहां वो गरीबों का मुफ्त इलाज किया करते थे । निहायत हंसमुख, सरल ,सहज स्वभाव के धनी ,खुशमिजाज ,मिलनसार तथा गरीबों के मसीहा ,हृदय प्रिय असद साहब कुछ दिन पहले दुनिया के सबसे बड़ी महामारी कोरोना के शिकार हो गए थे। जिन का इलाज पीजीआई लखनऊ में चल रहा था । कल वह इस दुनिया को अलविदा कह दिये। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उन्हें लखनऊ में ही सुपुर्द ए खाक किया गया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रबंधक मोहम्मद अज़फर ने कहा की उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होने हमेशा भी ऊंच-नीच, जाति पाती, धर्म से ऊपर उठकर के काम किया। जिसका नतीजा है कि आपके विद्यालय में हर धर्म के लोग मौजूद हैं। डॉ जमाल अमजद ने कहा कि वह एक ऐसे इंसान थे जो कि रोते हुए को भी हंसा देते थे उन्होंने जीवन की हर परिस्थितियों का डटकर सामना किया लेकिन आज वह कोरोना से जंग हार गए । अखिलेश द्विवेदी ने कहा कि रुकी रुकी सी नजर आ रही थी नब्जे हयात, ये कौन उठ कर गया है मेरे सिरहाने से, उदास छोड़ गया वह हर एक मौसम को ,गुलाब खिलते थे कल जिस के मुस्कुराने से,, । शाहिद जमाल ने कहा कि यूं तो सभी लोग इस दुनिया में मरने के लिए ही आते हैं लेकिन ..रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई, तुम जैसे गए ऐसे भी चाहता नहीं कोई। ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि एक सूरज था कि तारों के घरानों से उठा ,आंख हैरान है क्या शख्स जमाने से उठा। जमीर अहमद ने कहा कि वह बिछड़ा कुछ इस तरह से कि रुत ही बदल गई ,एक शख्स सारे शहर को वीरान कर गया। प्रधानाचार्य अब्दुल बासित ने कहा कि मैं नि:शब्द हो ऐसे शख्सियत के मालिक कभी कभी इस दुनिया में आते रहते हैं।
कार्यक्रम का संचालन आलोक कुमार श्रीवास्तव ने किया तथा अध्यक्षता प्रबंधक मोहम्मद अजफर गजनबी एडवोकेट ने किया। इस अवसर पर गुलाम सुभानी, लालजीत यादव फहीम रहमानी, नूरुद्दीन , एजाज अहमद, अली शब्बर, जफर आलम, फहीम अहमद, शेषनाथ ,लुकमान ,फरगाम,आजम, मिठाई लाल ,राम दरस, मानिकचंद आदि लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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