कोरोना वायरस से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों को एल-3 अस्पताल में रखा जाता है
कोल्हूखोर जहानागंज एवं सीएचसी तरवां में 130 बेड का एल-वन अस्पताल बनाया गया
आजमगढ़ : अन्य प्रदेशों व जिलों से आ रहे अधिकतर प्रवासियों में कोरोना के संक्रमण के लक्षण पाए जा रहे हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि की जा रही है। डीएम नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज चक्रपानपुर में 100 बेड का एल-3 अस्पताल बनाया गया, जो सक्रिय हो गया है। इलाज के सभी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हैं। वेंटिलेटर एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। बताया कि एल-थ्री अस्पताल में उन मरीजों को रखा जाता है, जो कोरोना वायरस से गंभीर रूप से ग्रसित होते हैं। उन्होंने बताया कि एल-वन अस्पताल में उन मरीजों को रखा जाता हैं, जो व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं। लेकिन उनके कोरोना के लक्षण प्रतीत नहीं होते हैं। एल-वन अस्पताल कोल्हूखोर जहानागंज एवं सीएचसी तरवां में 130 बेड का बनाया गया है। साथ ही एल-वन अस्पताल के समकक्ष जयपुरिया स्कूल, दुर्गा जी कालेज, बीएसआर कालेज फार्मेसी, एसएस पीजी कालेज खुर्रमपुर निजामाबाद में 650 बेड का अस्पताल बनाया गया है। एल-टू अस्पताल में उन मरीजों को रखा जाता है, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं। 100 शैय्या बेड अस्पताल अतरौलिया में आठ बेड एवं मंडलीय चिकित्सालय में आठ बेड का एल-टू अस्पताल सहित कुल 16 बेड का एल-टू अस्पताल बनाया गया है।
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