स्थापना के 03 वर्षों में प्रयास अनाज बैंक ने अब तक 130 क्विंटल खाद्यान्न जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचा चुका है
आजमगढ़। "जो वंचित हैं, हम उनके लिए चिंतित है" "जो आपकी भूख है, उसी से हमें तकलीफ है" जैसे संवेदनशील वाक्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए स्थापित प्रयास अनाज बैंक अपनी स्थापना के 3 वर्ष 30 अप्रैल को पूरे किए, वंचितों जरूरतमंदों को समर्पित प्रयास का अनाज बैंक अब तक 130 क्विंटल खाद्यान्न जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचा चुका है। लाकडाउन के दौरान 34 दिनों के मध्य 40 कुंटल अनाज अब तक वंचित परिवारों के मध्य वितरित कर चुका है। प्रयास के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया आज 30 अप्रैल को अन्य राज्यों से लाक डॉउन के चलते विस्थापन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों को जो हैदराबाद एवम् नागपुर से सायकिल एवं पैदल गोरखपुर स्थित अपने घर को एक पखवारे पूर्व चल पड़े थे उन्हें आजमगढ़ पहुंचने पर पुराने पुल स्थित हरबंशपुर शिव मंदिर के पास पेट भर भोजन कराया गया तथा कलेक्ट्रेट,दीवानी, सिविल लाईन, बड़ा देव पर विचरने वाले वंचित बेजुबान जानवरों को रोटी, फल मुहैया कराकर पांचवी वर्षगांठ पर पूर्व की भांति कर्तव्यों का निर्वहन किया। प्रयास के उपाध्यक्ष शमशाद अहमद ने बताया कि "प्रतिदिन निकालें मुट्ठी भर अनाज, जिससे पा सके वंचित समाज" तथा "यह प्रयास सजोएं, कोई भूखा न सोए" हमारे अनाज बैंक का आधार है। इन वाक्यों के बदौलत हमने अन्नदाताओं का भरोसा जीता है और उस भरोसे की बदौलत एक दस टन से अधिक खाद्यान्न हमने जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया है। इस अवसर पर राजीव शर्मा, शंभू दयाल सोनकर, इं. सुनील यादव, अतुल श्रीवास्तव, धर्मेंद्र सैनी, रविशंकर सिंह, डॉ वीरेंद्र पाठक आदि मौजूद रहे।
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