भावुक हुए छात्र व परिजन,डीएम ने किया था नाश्ता ,खाना और होटलों में रहने का इंतजाम
आजमगढ़। राजस्थान के कोटा शहर में कोचिंग ले रहे आजमगढ़ के करीब 400 छात्र- छात्राएं बसो से रोडवेज पर पहुंचे तो उनका दर्द छलक उठा। छलके भी न क्यूं, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का खौफ घर से दूर रह रहे इन बच्चों के जेहन में भी उतर गया था। वही छात्रों ने बताया कि वहां लाॅक डाउन की वजह से खाने पीने की समस्या हो रही थी। पहले की अपेक्षा इस समय खाने की गुणवत्ता में काफी कमी आ गयी थी और हमें हरपल कोरोना का भी भय सता रहा था। जिसके बाद आज आजमगढ़ पुंहचने पर अपने परिजनों को देख भावुक हो उठे । सभी छात्रों ने एक स्वर से प्रदेश सरकार की प्रशंसा किया। राजस्थान के कोटा में लॉकडाउन के कारण फंसे प्रदेश के दस हजार छात्रों को लेकर बसें पहले झांसी और आगरा पहुंची। फिर वहां से विभिन्न जिलों के रहने वाले छात्रों को उनके जिला मुख्यालयों पर पहुंच रही है। आजमगढ़ जिले के लगभग चार सौ छात्र कोटा में फंसे थे। जिनको लेकर दोपहर बाहर बजे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बसों आजमगढ़ जिले के परिवहन निगम की बसे रोडवेज पर पंहुचने लगी । यहाँ पहली बस की आगवानी खुद जिलाधिकारी एन पी सिंह ने किया। यहां पहले सभी छात्रों की थर्मल जांच, पूरा पता और रैंडम ब्लड के सैंपल जांच के लिए गया । वहां पर डीएम ने इन छात्रों के लिए नाश्ते में फल,बिस्किट और नमकीन उपलब्ध कराने के साथ ही भोजन की भी व्यवस्था किया था। स्वस्थ्य परिक्षण के बाद इन छात्रों को उनके परिजनों के साथ बसों से घरों को भेजा गया । जहां ये 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहेगें। सीएमओ ने बताया की उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की कुल 14 बसे करीब 400 छात्रों को लेकर आ रही हैं , देर रात तक सभी आ जायेंगे। डीएम ने बताया की हमने इन बच्चों के लिए कुछ होटल भी रिजर्व रखें हैं ताकि किसी को दूर जाना हो तो उसे फ्रेश होने और ठहरने की सुविधा मिल सके। इस दौरान रोडवेज परिसर में पुलिस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग कर्मियों का जमावड़ा लगा रहा।
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