लाइफलाइन हॉस्पिटल ने पहले डिसइनफेक्टेंट टनल का निर्माण किया
अब अस्पताल में आने जाने वाले स्वतः हो जाएंगे सैनिटाइज
आजमग़ढ़ : कोविड-19 एक वायरस संक्रमण है यह एक आर.एन.ए.वायरस है और अभी तक इसकी कोई भी दवा नहीं पाई गई है| इससे बचाव का तरीका लोगों से दूरी बनाना, अपने घर पर रहना, बाहरी लोगों से ना मिलना और बार-बार हाथ धोते रहना ही है, लेकिन विषम स्वास्थ्य परिस्थितियों में मरीज और उसके तीमारदारों को अस्पताल जाना पड़ रहा है, साथ ही साथ इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े लोगों को भी अस्पताल आना जाना पड़ रहा है। अस्पताल में पूर्णतया सैनिटाइजेशन/ आइसोलेशन की व्यवस्था होती है, किंतु यह पता नहीं होता कि हमारे आस पास कौन कौन सा व्यक्ति इस बीमारी का शिकार है। इस बीमारी से संबंधित बहुत से मरीजों में किसी भी प्रकार का बीमारी से संबंधित कोइ लक्षण नहीं होता है। रास्ते से अस्पताल आते हुए या फिर अस्पताल में संक्रमित व्यक्तियों से निकला वायरस ड्रॉपलेट के द्वारा कपड़ों पर एवं शरीर पर आ जाता है जो उस व्यक्ति को या अन्य व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए लाइफ लाइन हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में उत्तर प्रदेश के प्राइवेट सेक्टर के पहले डिसइनफेक्टेंट टनल का निर्माण किया गया, इस डिसइनफेक्टेंट टनल में जब कोई भी व्यक्ति प्रवेश करता है उसे 25 सेकंड तक वहां रुकना होता है, इससे व्यक्ति का चारों तरफ से डिसइनफेक्टेंट की फुहार पड़ती है जिससे व्यक्ति सैनिटाइज होता है। इस टनल में जाने के पूर्व व्यक्ति को अपना हाथ साबुन से धोना होता है और बाहर निकलने पर पुनः सैनिटाइजर द्वारा हाथ साफ करा दिया जाता है, जिससे उस व्यक्ति के एवं उसके आसपास के व्यक्ति के संक्रमित होने के स्तर में कमी आ जाती है इस टनल में 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट 1पी.पी.एम.डिसइनफेक्टेंट के रूप मे प्रयोग किया जाता है।
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