बिलरियागंज कस्बे में सीएए विरोध में हुए प्रदर्शन के हिंसक हो जा जाने के मुकदमे में सुनवाई के बाद जिला व सत्र न्यायाधीश का फैसला
आज़मगढ़: बिलरियागंज कस्बे में नागरिकता कानून के विरोध में किए गए प्रदर्शन के हिंसक हो जा जाने के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद जिला व सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार शर्मा ने मौलाना ताहिर मदनी समेत 19 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अभियोजन कहानी के अनुसार बिलरियागंज थाना अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह को 4 फरवरी 2020 को बारह बजे सूचना मिली कि बिलरियागंज कस्बे में जौहर पार्क में कुछ लोग उपद्रव कर रहे हैं। इस सूचना पर जब मनोज सिंह पहुंचे देखा कि ताहिर मदनी, आरकम,यूसुफ, जियाउर रहमान ,खान रैय्यान, अजमैन ,शादाब ,अबूसाद ,बेलाल ,आरिफ, सभी निवासी बिलरियागंज, तहजीब, साहब ,रहीम निवासी बिंदवल,हकीम निवासी हिरनइ थाना रौनापार ,अबू तलहा,सलमान, आमिर ,अब्दुल्लाह,शमीम निवासी बिलरियागंज वहां पर राष्ट्र विरोधी नारे लगा रहे थे तथा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के विरुद्ध अपशब्द कह रहे थे। लोगों में हिंसा के लिए उकसा रहे थे। पुलिस ने उन्हें ने उन्हें समझाने का प्रयास किया।कई घंटे तक यह जद्दोजहद चलती रही।आरोप रहा की 5 फरवरी को साढ़े तीन बजे बजे सभी लोग एक राय होकर पुलिस पर जान से मारने की नीयत से हमला बोल दिया जिससे लोक शांति भंग हो गई और कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई की गई।पुलिस ने इस मामले में 35 लोगो के विरुद्ध नामजद तथा कई लोगों के विरुद्ध अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया । इस मुकदमे में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जनपद न्यायाधीश ने ताहिर मदनी समेत उपरोक्त सभी 19 लोगों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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