.

.

.

.
.

अगले महीने तक विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की निम्न ग्रेडिंग नहीं मिलनी चाहिए: मण्डलायुक्त

समीक्षा बैठक में कई अधिकारियों को मिली प्रतिकूल प्रविष्टि, कुछ को चेतावनी तो किसी से तलब हुआ स्पष्टीकरण  

आज़मगढ़ 23 जनवरी -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने कहा है कि शासन के विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सभी मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारी लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए पूरी जिम्मेदारी से करें तथा जो भी प्रगति होती है उसको कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के पोर्टल पर अनिवार्य रूप से फीड किया। उन्होंने कहा कि यद्यपि कि कुछ कार्यक्रमों की उपलब्धि लक्ष्य के सापेक्ष हैं परन्तु पोर्टल पर अपलोड नहीं किये जाने के कारण मण्डल डी ग्रेड में है। उन्होंने यह भी कहा कि कई विभागों की उपलब्धियाॅं खराब होने के कारण भी मण्डल की ग्रेडिंग प्रभावित हुई है। उन्होंने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति अत्यन्त आपत्तिजनक है तथा इससे सम्बन्धित अधिकारियों की लापरवाही स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है। उन्होंने फीडिंग नहीं किये जाने पर तीनों जनपद के जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को चेतावनी निर्गत करने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने वृहस्पतिवार को अपने कार्यालय के सभागार में शासन के विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों, कानून व्यवस्था तथा कर करेत्तर आदि की आयोजित मण्डलीय समीक्षा बैठक के दौरान जनपद बलिया में जननी सुरक्षा योजना के सम्बन्ध में बैठक में उपस्थित डिप्टी समीएमओ डा. राजकुमार सिंह द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण उनको प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। इसके अलावा कृषि विभाग से सम्बन्धित आज़मगढ़ व मऊ में 2-2 मदों में, बलिया में 5 मदों में डी ग्रेड पाये जाने पर तीनों जनपद के जिला कृषि अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि आज़मगढ़ में आरएफसी, ग्राम्य विकास, आपूर्ति व महिला कल्याण 2-2 मदों में, नगर विकास एवं पंचायती राज 4-4 मदों में, आईसीडीएस, सिंचाई, उद्योग, नियोजन, जल निगम 1-1 मद में डी ग्रेड मिलने पर, जनपद मऊ में लोनिवि व राजस्व 2-2 मदों में, महिला कल्याण, सिंचाई, उद्योग, कार्यक्रम, ग्राम्य विकास 1-1 मद में तथा बलिया में राजस्व व विद्युत 4-4 मद में, लोनिवि 5 में, नगर विकास 6 में, पंचायती राज, समाज कल्याण, महिला कल्याण 3-3 मद में, स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, सेतु निगम, जल निगम व उद्योग 1-1 मद में डी ग्रेड में हैं। इस पर भी मण्डलायुक्त ने जहाॅं जनपदीय अधिकारियों की लापरवाही मानते हुए उन्हें चेतावनी निर्गत करने का निर्देश दिया वहीं पर्यवेक्षणयी दायित्वों का अपेक्षानुसार निर्वहन नहीं किये जाने पर इन विभागों के मण्डलीय अधिकारी को भी सचेत किया। निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति के सम्बन्ध में अवगत कराने हेतु अधिशासी अभियन्ता आवास विकास परिषद गाजीपुर, परियोजना प्रबन्धक राजकीय निर्माण निगम बलिया तथा परियोजना प्रबन्धक लैपफेड बैठक में उपस्थित नहीं थी, इस पर इन तीनों अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही इनके विरुद्ध कार्यवाही हेतु सम्बन्धित विभागों के मुख्यालय को अवगत कराने का निर्देश दिया। बैठक में वन विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि वन संरक्षक का पद रिक्त है उनके स्थान पर डीएफओ को बैठक में प्रतिभाग करने हेतु निर्देश दिया गया था परन्तु विभाग की प्रगति से अवगत कराने हेतु डीएफओ उपस्थित नहीं थे, इसपर मण्डलायुक्त ने उन्हें भी स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने समीक्षा के दौरान खराब ट्रान्सफार्मरों को समय सीमा के अन्दर बदले जाने की स्थिति से भी असहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि खराब ट्रान्सफार्मरों की मरम्मत में जो तेल प्रयोग किया जा रहा है उसकी क्वालिटी काफी खराब होने के कारण ट्रान्सफार्मर अधिक संख्या में खराब हो रहे हैं। उन्होंने इसकी गुणवत्ता में तत्काल सुधार लाने हेतु सम्बन्धित अभियन्ता को निर्देशित किया। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय आज़मगढ़ में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों के भुगतान को अनावश्यक रूप से कई-कई माह तक लम्बित रखने पर भी उन्होंने सख्त नाराजगी व्यक्त किया तथा सीएमओ को सख्त निर्देश दिया कि इस प्रकार के जो भी देयक लम्बित हैं उनका तत्काल भुगतान कराते हुए अवगत कराया जाय तथा प्रकरण को गैर जरूरी तौर पर लम्बित रखने वाले सम्बन्धित पटल सहायक के विरुद्ध कार्यवाही भी करें। उन्होंने आगाह किया कि भविष्य में इस प्रकार की शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि गत दिवस जनपद बलिया भ्रमण के दौरान लगभग दो दर्जन ग्राम प्रधानों से आयुष्मान भारत के सम्बन्ध में पूछे जाने पर किसी भी प्रधान द्वारा सही जानकारी नहींे दी गयी, इसके स्पष्ट होता है कि इस अत्यन्त महत्वाकांक्षी योजना के सम्बन्ध में अपेक्षा के अनुरूप प्रचार प्रसार नहीं किया गया है। उन्होंने इस स्थिति पर असन्तोष व्यक्त किया तथा तीनों जनपद के सीएमओ को निर्देशित किया कि योजना के सम्बन्ध में आशाओं की जिम्मेदारी तय करते हुए व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाये तथा उनकी मानीटरिंग भी नियमित रूप से की जाय। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि वर्तमान में सीएए, एनआरसी, एनपीआर के विरोध और समर्थन को देखते हुए सारे तन्त्र सक्रिय रखे जायें किसी भी दशा में मण्डल के जनपदों में शांति व्यवस्था प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
इस अवसर जिलाधिकारी आज़मगढ़ नागेन्द्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी मऊ ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़ त्रिवेणी सिंह, पुलिस अधीक्षक मऊ अनुराग आर्य, अपर आयुक्त अनिल कुमार मिश्र, संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी आज़मगढ़ आनन्द कुमार शुक्ल, मुख्य विकास अधिकारी मऊ राम सिंह वर्मा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएल यादव, मुख्य अभियन्ता विद्युत आरआर सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) जीपी गुप्त, सीआरओ बलिया व मऊ सहित अन्य मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारी उपस्थित थे।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment