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प्रशासन ने आजमगढ़ में दो दिन के लिए इंटरनेट सेवा बंद किया

सोशल साइट और व्हाट्सप्प पर लोगों को भड़काने वाली पोस्ट करने वालों की तलाश में जुटी पुलिस 

आजमगढ़: जिले में नागरिकता संशोधन कानून की आग गरम होने में सोशल मीडिया की भी भूमिका पाई गई थी , जब हालात बिगड़ने लगे तो डीजीपी के निर्देश पर डीएम ने बुधवार से दो दिनों के लिए जिले में इंटरनेट सेवा बंद करवा दी। प्रशासन का मानना है कि सोशल साइटों के जरिए ही लोगों को भड़काया जा रहा है। ऐसे भ्रामक संदेश देने वाले कई लोगों की पहचान हो चुकी है। उनकी तलाश की जा रही। बुधवार को जिले में इंटरनेट सेवा ठप हो जाने से तमाम व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई हैं। एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि सोशल साइटों के जरिए भडक़ाने वाले कई ग्रुपों के लोगों की पहचान हुई है, उनकी तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं। मामले को और न तूल दिया जा सके। इसके ध्यान में रखते हुए दो दिनों के लिए इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है। संदिग्धों की तलाश जारी है।
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध 14 दिसंबर को सबसे पहले शिबली कॉलेज परिसर में शुरू हुआ। इसी दिन आक्रोशित लोगों ने 16 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। लेकिन प्रशासन और खुफिया विभाग के लोग भी इनके मंसूबों को नहीं भांप पाए। आलम यह रहा कि सोमवार को विरोध के दौरान प्रदर्शनकारी उग्र रहे। फिर भी प्रशासन ने सतर्कता नहीं बरती। लापरवाही का परिणाम रहा कि दूसरे दिन मंगलवार को मुबारकपुर कस्बे में हंगाता खड़ा हो गया। हालांकि प्रशासन ने इसपर काबू पा लिया। प्रशासन की जांच के दौरान मिले इनपुट के मुताबिक सोशल साइटों के जरिए कुछ विशेष लोग मैसेज भेजकर भड़का रहे हैं। डीएम एनपी सिंह ने बताया कि उपद्रवी तत्वों की ओर से साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के उद्देश्य से छात्रों को उकसाया जा रहा था। सोशल मीडिया, वाट्सएप, फेसबुक, ईमेल आदि का प्रयोग किया जा रहा था। धारा 144 लागू होने के बाद भी लेख, चित्र और वीडियो के माध्यम से अफवाह फैलाई जा रही थी। इनकी पहचान कर गिरफ्तारी के लिए जहां कई टीमें लगाई गई हैं। वहीं बुधवार से दो दिनों के लिए जिले में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई।  


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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