सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जनजागरण जरूरी : तारिक अजीज,क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी
आजमगढ़। क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, आजमगढ़ द्वारा आज दिनांक 23 अक्टूबर, 2019 को आजमगढ़ के विकासखंड रानी की सराय के ग्राम रामसुंदरपुर में स्थित पूर्वांचल स्नाकोत्तर महाविद्यालय में “स्वच्छता ही सेवा - प्लास्टिक कचड़ा प्रबंधन” विषय पर जनजागरण हेतु समन्वित संचार एवं जनसंपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी तारिक अजीज ने कहा कि प्लास्टिक कई वर्षों से पर्यावरण के लिए खतरा बना हुआ है। प्लास्टिक और पॉलिथीन की वजह से पानी एवं हवा में जहर घुल गया है। दुनिया के कई देश प्लास्टिक के केमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्लास्टिक पर बैन लगा चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि 40 माइक्रॉन या उससे कम स्तर के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक कहते हैं। इसका मतलब प्लास्टिक की बनी उन चीजों से है जो एक बार ही उपयोग में लाई जाती है और उसके बाद फेंक दी जाती है। उन्होंने कहा कि देश को दशकों पुरानी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब सिंगल यूज प्लास्टिक से निजात दिलाने का फैसला कर लिया है। प्रधानमंत्री ने देशव्यापी “स्वच्छता ही सेवा” अभियान का शुभारंभ करते हुए जनता से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि बेहद कम खर्चे पर बनने वाली यह प्लास्टिक उत्पाद बहुत ज्यादा खतरनाक रसायन लिए हुए होते हैं। जिसका सीधा दुष्प्रभाव इंसान और पर्यावरण पर पड़ता है। सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे का सफाई पर होने वाला खर्च भी बहुत अधिक आता है। सिंगल यूज प्लास्टिक जमीन के अंदर दबकर कई छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है और विषैला रसायन पैदा कर भूमि की उर्वरक क्षमता को नष्ट कर देता है। मिट्टी में घुल मिल चुका विषैला रसायन जैसे ही खाद पदार्थों और पानी में पहुंचता है, उससे मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आजमगढ़ नगर पालिका परिषद के स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड अम्बेस्डर प्रणीत श्रीवास्तव उर्फ हनी श्रीवास्तव ने कहा कि प्लास्टिक कारसिनोजेनिक होते हैं और इनमें कैंसर कारक रसायन होते हैं। सड़कों पर गाय व अन्य छुट्टा जानवर कचरा खाते हैं। जिनमें सिंगल यूज प्लास्टिक भी होता है, जो कि जानवरों के पेट में इकट्ठा होता रह्ता है। क्योंकि प्लास्टिक पचता नहीं है, कुछ दिनों बाद जानवर बीमार होने लगते हैं और तड़प-तड़प कर दम तोड़ देते हैं। इसलिए हमें अपनी आदतों में बदलाव लाकर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ जलीय जीव, इंसान व अन्य पशु प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बच सकें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के संस्थापक मातबर मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार का पूरा प्रयास है कि प्लास्टिक की थैलियों, प्लास्टिक की कटलरी और थर्माकोल से बनी कटलरी उत्पादन और बिक्री पूरी तरह बंद हो जाए। उन्होंने बताया कि रेल यात्रियों को जल्द ही 400 रेलवे स्टेशनों पर चाय, लस्सी, और खाने-पीने की चीजें मिट्टी के कुल्हड़, गिलास में मिलने लगेगा। इससे जहां एक तरफ स्थानीय और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर कुम्हारों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इस मौके पर विभाग द्वारा एक प्रष्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें “स्वच्छता ही सेवा - प्लास्टिक कचड़ा प्रबंधन” विषय से संबंधित प्रश्न पूछे गये और सही उत्तर देने वाले विजेता 25 प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कृत प्रतिभागियों में अविनाश, नितीश, अजीत, जागृति, साधना, छविनाथ, धर्मेन्द्र, संजय, धीरज, संदीप, यश्वीन्द्र, अभिषेक, मनीषा, ज्योति, विजय, हरिशंकर, धर्म, शारदा, शिवम्, ज्योति यादव, कंचन, अखिलेश, शावारिका, कीर्ति, बबिता आदि शामिल रहे। कार्यक्रम के दौरान मुन्ना लाल यादव, भोजपुरी लोक गीत समिति, आजमगढ़ द्वारा मनमोहक लोक गीत के माध्यम से उपस्थित जनसमुदाय को सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं समेत विद्यालय के अध्यापकगणों के साथ-साथ भारी संख्या में ग्रामीण जन मौजूद रहे।
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