एसबीआई व प्राइवेट बैंकों को छोड़कर इस हड़ताल में अन्य सभी बैंक शामिल रहे
जिले की साढे तीन सौ शाखाएं प्रभावित रहीं, एटीएम की दौड़ में दिन भर लोग व्यस्त रहे
आजमगढ़ : बैंकों के विलय के केंद्र सरकार के फैसले व जनविरोधी बैंकिंग सुधारों के खिलाफ कर्मचारियों ने मंगलवार को कामकाज ठप रखा। एसबीआई व प्राइवेट बैंकों को छोड़कर इस हड़ताल में अन्य सभी बैंक शामिल रहे। एआईईबीए व बीईएफए के आवाह्न पर हुई इस हड़ताल से तीस करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा।
अपनी ट्रेड यूनियनों के आवाह्न पर मंगलवार को लीड बैंक यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक व बैंक आफ बडौदा के कर्मचारियों ने दिन भर कामकाज नहीं किया। इस एक दिवसीय हड़ताल से जिले की साढे तीन सौ शाखाएं प्रभावित रहीं। आम उपभोक्ता इस हड़ताल से परेशान रहे। खासकर ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कैश के लिए एटीएम की दौड़ में दिन भर लोग व्यस्त रहे। यूनियन बैंक के सिविल लांइस स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। यूनियन के जिला इकाई के उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि आज बैँकों की स्थिति विकट हो चुकी है। उन्होने आरोप लगाया कि हमारे ही बीच के कुछ लोग सरकार के साथ मिलकर हड़ताल को विफल करने के प्रयास में लगे हैं। विष्णु गुप्ता ने कहा कि सरकार बैंकों के निजीकरण के प्रयास में है। ऐसा करके वो निरीह कर्मचारियों और जनता को बेवकूफ बनाना चाहती हैं। बैँकों के निजीकरण से बड़ी संख्या में कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस दौरान मुख्य रूप से यूनियनबैंक के दुर्गा प्रसाद , राजेश प्रताप, सत्यनारायण, राजकुमार, कमलेश, संजीव, सदरे आलम, अखिलेश यादव, विनोद मौर्य व बैंक आफ इंडिया के शमशाद, बैंकऑफ बडौदा के सरफराज आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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