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आजमगढ़ : मूर्ति पंडालों में सुरक्षा के लिए मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने जारी किये दिशा निर्देश

दुर्गा पूजा पंडाल की ऊंचाई 3 मीटर,चारों तरफ 3 मीटर का खुला स्थान व अग्निशमन की व्यवस्था होना जरूरी

पंडाल में प्रकाश व्यवस्था किसी लाइसेंस प्राप्त ठेकेदार से ही कराया जाए तथा विद्युत् सुरक्षा अधिकारी से प्रमाण पत्र अवश्य प्राप्त किया जाए

आजमगढ़ 02 अक्टूबर -- मुख्य अग्निशमन अधिकारी सत्येंद्र पांडेय ने बताया है कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी शारदीय नवरात्र का पर्व 29 सितंबर 2019 से प्रारंभ होकर 9 अक्टूबर 2019 तक मनाया जा रहा है । इस अवसर पर जगह-जगह माता श्री दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना किया जाता है, जिसमें काफी जनसमूह एकत्रित होते हैं। माता श्री दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापना हेतु किए जा रहे हो अस्थाई संरचना (पंडाल) में भारतीय मानक संख्या 87585ः1998 तथा 2190ः1992 के अनुसार अग्नि सुरक्षा व्यवस्था किए जाने हेतु निर्गत किए गए निर्देशों का पालन किया जाना जनहित में आवश्यक होगा, जिससे जनपद आजमगढ़ में दुर्गा पूजा/दशहरा त्यौहार सकुशल संपन्न हो सके। जनपद आजमगढ़ के माता श्री दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित करने वाले समस्त व्यवस्थापक/दुर्गा पूजा समितियों के प्रबंधकों से पंडाल निर्माण करते समय अग्नि सुरक्षा संबंधी उपाय करने की अपेक्षा की जाती है।
उन्होंने कहा है कि पंडाल की ऊंचाई 3 मीटर से कदापि कम न होने पाए, पंडाल के चारों तरफ 3 मीटर का खुला स्थान अवश्य रखा जाए, पंडाल निर्माण में सिंथेटिक कपड़ों/रस्सी का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है, पंडाल के निर्माण में केवल सूती कपड़ा/त्रिपाल/फायरप्रूफ कपड़ों से ही किया जाए तथा बांस बल्ली बांधने हेतु केवल सूती रेशमी/नारियल की रस्सी का ही प्रयोग किया जाए, पंडाल/ढांचा का प्रवेश/निकास मार्ग की चौड़ाई  ऊंचाई 5 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए, पंडाल/ढांचा निर्माण करते समय ध्यान रखा जाए कि पंडाल से बाहर कोई भी निकास द्वार 15 मीटर से अधिक दूरी पर न हो, पंडाल में दो आकस्मिक द्वार का निर्माण किया जाए, जिसकी चौड़ाई 3 मीटर से कम न हो, पंडाल की संरचना मजबूत बांस-बल्लियों से कराया जाए तथा बांस-बल्लियों की मजबूती का प्रमाणपत्र लोक निर्माण विभाग आजमगढ़ से प्राप्त किया जाए, पंडाल/ढांचा में नंगे चिराग का प्रयोग तथा पंडाल के अंदर सजावटी प्रकाश व्यवस्था किया जाना पूर्णतया वर्जित है, व पंडाल के आसपास किसी प्रकार का आतिशबाजी नहीं जलाया जाएगा, पंडाल में प्रकाश हेतु नंगे/कटे-फटे तारों का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है तथा हाइलोजन लाइट का प्रयोग नहीं किया जाए, पंडाल में प्रकाश व्यवस्था किसी लाइसेंस प्राप्त ठेकेदार से ही कराया जाए तथा विद्युत सुरक्षा अधिकारी प्रमाण पत्र अवश्य प्राप्त किया जाए, विद्युत तारों की वायरिंग पंडाल के कपड़ों से कम से कम 15 मीटर दूर रखा जाए, पंडाल में किचन का प्रयोग वर्जित है तथा किचन पंडाल से 3 मीटर दूरी पर ही टीन शेड में बनाया जाए, पंडाल की सुरक्षा हेतु उक्त समिति के दो सदस्यों को राउण्ड द क्लाक निगरानी हेतु सदैव पंडाल में उपस्थित बने रहना आवश्यक है।
उन्होंने बताया है कि पंडाल में कम से कम 2 फायर एक्सटिंग्यूशर सदैव कार्यशील दशा में बनाए रखना आवश्यक है, पंडाल में निकास एवं प्रवेश द्वारों पर 200 लीटर क्षमता के पानी के ड्रम अवश्य रखा जाए, बालू तथा पानी से भरा फायर बकेट स्टैंड से बनाए रखना अनिवार्य है, किसी सुरक्षित स्थान पर 10 घनफुट बालू की व्यवस्था बनाए रखना अनिवार्य है, बालू स्टाक पास एक बेलचा की व्यवस्था की जाए, जगह-जगह पर धूम्रपान निषेध पट्टिका लगाया जाना अनिवार्य है, आकस्मिक टेलीफोन नंबर 100, 101, 9454418617, 9454418618 व स्थानीय थाने का टेलीफोन नंबर का बोर्ड लगाया जाना अनिवार्य है।

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