पडोसी जिले अम्बेडकरनगर में आतंक का पर्याय बना था मृतक , 40 से ज्यादा मुकदमों में वांछित था
आजमगढ़ : पडोसी जिले अम्बेडकरनगर में आतंक का पर्याय बना डेढ़ लाख का इनामी बदमाश लक्ष्मण यादव आजमगढ़ पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढ़ेर हो गया। जिले की सीमा महराजगंज थाना क्षेत्र में गुरुवार की सुबह करीब घंटे भर चले मुढभेड़ के दौरान मारे गए शातिर अपराधी लक्ष्मण यादव का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। लक्ष्मण यादव ने जिले के राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र में पिछले माह ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया था। जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ था। बदमाशों के साथ मुठभेड़ में सिपाही सुरेन्द्र यादव को भी गोली लगी। अम्बेडकरनगर जिले के राजेसुल्तानपुर रोड के बनकटा गांव के पास आज़मगढ़ पुलिस की स्वाट टीम और महर्जनज थाना पुईस के साथ लक्ष्मण की मुठभेड़ हुई जो की महराजगंज थाना क्षेत्र के नेहरू पुर में जा कर समाप्त हुई । एक सप्ताह पूर्व लक्ष्मण यादव ने पूर्व डीआईजी जेपी सिंह के भाई रवि प्रताप सिंह की राजेसुल्तानपुर में हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद उसके ऊपर डेढ़ लाख का इनाम घोषित किया गया था। आतंक का प्रयाय बना लक्ष्मण यादव के मारे जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है। एसपी आजमगढ़ प्रो0 त्रिवेणी सिंह ने बताया की लक्ष्मण यादव का लम्बा आपराधिक इतिहास रहा है उस पर 40 से ज्यादा मुक़दमे दर्ज थे। मुठभेड़ के दौरान कुछ बदमाश फरार हुए हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
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