एडीए सचिव बाबू सिंह व अन्य अपने दायित्वों का सही प्रकार से निर्वहन न करने, अनैतिक लाभ प्राप्त करने और एडीए को वित्तीय क्षति पहुंचाने के दोषी प्रतीत होते हैं - मंडलायुक्त
आजमगढ़: मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने एडीए (आजमगढ़ विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों के खिलाफ जनप्रतिनिधियों एवं जनमानस से लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने शमन मानचित्र शुल्क के हेराफेरी में एडीए सचिव बाबू सिंह, सहायक अभियंता देवबचन राम और अवर अभियंता रमाशंकर प्रसाद को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति भेजी है। मंडलायुक्त ने बताया कि सचिव, सहायक अभियंता और अवर अभियंता द्वारा शमन मानचित्र में शमन शुल्क की गलत गणना करके मानचित्र स्वीकृत कर निर्माणकर्ताओं को अवैध निर्माण कराकर राज्य सरकार को गंभीर वित्तीय क्षति पहुंचाई गई है। बताया कि विकास प्राधिकरण की समीक्षा के दौरान अब तक यह परिलक्षित हुआ कि उनके द्वारा एडीए में एक जनवरी से 21 अगस्त तक कुल 106 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए, जिसमें मात्र नोटिस देने का कार्य किया गया है। जबकि स्थल पर अवैध निर्माण कार्य लगातार चल रहे हैं और अधिकांश निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन अवैध निर्माणों में अधिकांश निर्माण महायोजना में निर्दिष्ट भू-उपयोग के विरुद्ध है। इन अवैध निर्माणों पर औपचारिकता पूर्ण कार्रवाई की गई। एडीए सचिव द्वारा प्रभावी नियंत्रण न रखते हुए अनाधिकृत निर्माणकर्ताओं को सहयोग प्रदान किया गया। यदि इनके द्वारा सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश नगर योजना व विकास अधिकरण 1973 की धारा 27-क (चार) एवं अभियोजन की कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई होती तो ऐसे अनाधिकृत निर्माणों को रोका जा सकता था। एडीए सचिव बाबू सिंह अपने पदीय दायित्वों का सही प्रकार से निर्वहन न करने, अनैतिक लाभ प्राप्त करने और एडीए को वित्तीय क्षति पहुंचाने के दोषी प्रतीत होते हैं।
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