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मण्डलीय समीक्षा बैठक में अनुपस्थित संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर का वेतन काटने का निर्देश

जन शिकायतों के कारण अहिरौला के चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल हटाने का मंडलायुक्त ने दिया निर्देश

आज़मगढ़ 17 अगस्त -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने मण्डल एवं मण्डल के अन्तर्गत सभी जनपदों की ग्रेडिंग में आवश्यक सुधार लाने हेतु सभी अधिकारियों को पूरी निष्ठा, लगन एवं तन्मयता से कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि जब अन्य जनपद इन्ही संसाधनों के आधार पर कार्य कर अपने जनपद की ग्रेडिंग में अपेक्षित प्रगति ला सकते हैं तो हम भी ऐसी प्रगति लाने में स्वंय को अक्षम महसूस नहीं कर सकते हैं। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने शनिवार को अपने कार्यालय के सभागार में शासन की शीर्ष प्राथमिकता वाले विकास कार्यक्रमों, कानून व्यवस्था, कर करेत्तर वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यों, एण्टी भू माफिया टास्कफोर्स आदि की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि जिन कार्यक्रमों में मण्डल एवं जनपदों की ग्रेडिंग अपेक्षाकृत नहीं है उस पर विशेष रूप से फोकस करते हुए एक माह के अन्दर अपेक्षित प्रगति लाना सुनिश्चित किया जाए। समीक्षा बैठक में संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर की अनुपस्थिति पर सख्त नाराज़गी व्यक्त करते हुए उन्हों ने उनका एक दिन का वेतन काटने के साथ ही स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा आम जन से निरन्तर मिल रही शिकायत एवं अधीनस्थों पर प्रभावनी नियन्त्रण नहीं रख पाने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अहिरौला के चिकित्सा अधीक्षक डा. एसके गौतम को तत्काल वहाॅं से हटाने का भी निर्देश दिया। मण्डलायुक्त ने आईजीआरएस पोर्टल पर आबकारी, आवास विकास परिषद, श्रम, कृषि खाद्य एवं रसद, विद्युत चिकित्सा स्वास्थ्य, पंचायती राज, परिवहन, ग्राम्य विकास सहित अन्य कई विभागों के स्तर पर बड़ी संख्या में प्रकरण निस्तारण हेतु लम्बित एवं डिफाल्टर पाये जाने पर भी काफी नाराज़गी व्यक्त किया। उन्होंने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सुबह-शाम नियमित रूप से मानिटरिंग की जाये तथा तीन दिन के अन्दर सभी लम्बित एवं डिफाल्टर प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने समस्त अधिकारियों को आगाह किया कि यदि भविष्य में किसी विभाग द्वारा प्रकरण डिफाल्टर होना पाया जाता है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मण्डलायुक्त ने खाद्य एवं रसद विभाग के स्तर पर जनपद बलिया में अधिक डिफाल्टर एवं लम्बित पाये जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए डीएसओ बलिया को निर्देशित किया कि जिन सप्लाई इंस्पेक्टर्स के स्तर पर अधिक लम्बित अथवा डिफाल्टर पाया जाय तो सम्बन्धित की सत्य निष्ठा तत्काल सदिग्ध करना सुनिश्चित करें। इसी के साथ उन्होंने डीएम बलिया से कहा कि यदि डीएसओ के स्तर से आईजीआरण्स पोर्टल के सभी प्रकरण तीन दिन के अन्दर निस्तारित नहीं कराये जाते हैं तो डीएसओ के खिलाफ निलम्बन की कार्यवाही करें।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने समीक्षा के दौरान पाया कि एलओबी में जनपद बलिया एवं मऊ की स्थिति काफी खराब है। राज्य स्तर पर हुई रैंंिकंग में एलओबी में बलिया 72वें एवं मऊ 62वें स्थान पर है। उन्होंने दोनो जनपदों के ज़िला पंचायत राज अधिकारियों को निर्देशित किया कि एलओबी में खराब परफार्मेन्स देने वाले 10 ग्राम पंचायत अधिकारियों को चिन्हित कर उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही भी की जाये, इसी के साथ डीपीआरओ बलिया को भी चेतावनी निर्गत करने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण्ी की समीक्षा में स्पष्ट हुआ कि चालू वित्तीय वर्ष हेतु जनपद आज़मगढ़ में निर्धारित लक्ष्य 591 के सापेक्ष कोई रजिस्ट्रेशन एवं जीओ टैगिंग नहीं की गयी है। जनपद मऊ में 1335 के सापेक्ष 748 रजिस्ट्रेशन एवं 4264 जीओ टैंिगंग तथा बलिया में 3847 के सापेक्ष 4740 रजिस्ट्रेशन एवं 721 जीओ टैगिंग की गयी है, जबकि इस योजना में गत वर्षोंे के भी पयाप्त संख्या में आवासों की जीओ टैगिंग होना अवश्सेष है तथा धन आवंटन के बावजूद बड़ी संख्या में निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया गया है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने इस स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए दायित्वों के प्रति उदासीन एवं लापरवाह ग्राम पंचायत अधिकारियों को चिन्हित कर उन्हे प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। जनपद बलिया में स्वास्थ्य विभाग से सम्बन्धित कई शिकायतों के बारे में जब मण्डलायुक्त ने स्थिति स्पष्ट कराये जाने का निर्देश दिया तो ज़िलाधिकारी बलिया द्वारा अवगत कराया गया कि मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रायः मुख्यालय पर नहीं रहते हैं, इस पर मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि बिना अनुमति प्राप्त किये जो भी अधिकारी मुख्यालय से बाहर जाये उनका उस तिथि का वेतन रोकने की कार्यवाही अवश्य की जाए। निराश्रित एवं बेसहारा पशुओं के आश्रय स्थलों की समीक्षा में विदित् हुआ कि जनपद आज़मगढ़ में कई आश्रय स्थल ऐसे हैं जहंा पशुओं हेतु चारे, पानी एवं छाया आदि की व्यवस्था काफी खराब है। इसी प्रकार जनपद मऊ के अमिला में स्थापित गौवंश आश्रय स्थल कीचडों से भरा पड़ा है तथा बड़ागाॅव (घोसी) आश्रय स्थल के ऊपर से हाईटेंशन विद्युत तार लगा हुआ है, जबकि बलिया के मनियर में स्थित आश्रय स्थल में भी चारा पानी आदि की व्यवस्था काफी खराब है। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी गौवंश आश्रय स्थलों की जांच करायें तथा जहां कमियाॅ मिले उसे तत्काल ठीक करायें।
कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान अभियोजन कार्य की प्रगति काफी धीमी पाये जाने पर मण्डलायुक्त ने अपर निदेशक अभियोजन को निर्देशित किया कि इस कार्य में और तेज़ी लाने के साथ ही पारदर्शिता भी लाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि 10 पूराने पेण्डिंग केसों की सूची पेण्डिंग के कारणों का स्पष्ट करते हुए आगामी बैठक में प्रस्तुत करें। पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज तिवारी ने इस मौके पर पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी दिनों में कई त्योहार पड़ रहे हैं इस लिये पेट्रोलिंग बढ़ाते हुए आस पास के माहोल पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। डीआईजी ने यह भी निर्देश दिया कि जिन व्यक्तियों को अनआफीशियल रूप से गनर उपलब्ध कराये गये हैं उन्हे तत्काल वापस करा लिया जाय, क्योंकि यह शासन की मंशा के अनुरूप नहीं है। श्री तिवारी ने गिरोहबन्द अपराध में धारा 14ए की कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने महिला सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए गल्र्स कालेजों के आस-पास पुलिस पेट्रोलिंग को अनिवार्य करने निर्देश दिया। इस अवसर पर ज़िलाधिकारी आज़मगढ़ नागेन्द्र प्रसाद सिंह, डीएम बलिया भवानी सिंह खंगारौत, डीएम मऊ ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, एसपी मऊ अनुराग आर्य, संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी आज़मगढ़ आनन्द कुमार शुक्ला, सीडीओ मऊ आलोक कुमार, सीडीओ बलिया बद्रीनाथ सिंह, वन संरक्षक अमर बहादुर सहित समस्त विभागों के मण्डल स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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