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आजमगढ़ : नदी हमारे जीवन का हिस्सा ही नही, बल्कि जीवनदायनी आत्मा है- जिलाधिकारी

तमसा के किनारे वृक्षारोपण हेतु लेखपाल/प्रधान/ सचिव एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ डीएम ने की बैठक 

नदियों के किनारे आने वाले गांव 100 प्रतिशत ओडीएफ होना चाहिए- डीएम 

आजमगढ़ 09 जुलाई-- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में नेहरू हाल के सभागार में तमसा नदी के किनारे वृक्षारोपण हेतु तमसा नदी के किनारे आने वाले विकास खण्ड अहरौला, मिर्जापुर, रानी की सराय, सठियांव, तहबरपुर, बिलरियागंज तथा पल्हनी के अन्तर्गत 106 ग्रामों के लेखपाल/प्रधान/ सचिव एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक सम्पन्न हुई।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि नदियों के पुर्नोद्धार के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। उन्होने कहा कि सारी संस्कृतियों का विकास नदियों के किनारे हुआ है, नदी हमारे जीवन का हिस्सा ही नही, बल्कि जीवनदायनी आत्मा है। उन्होने कहा कि छोटे-छोटे जो तालाब है, वो नदियों के सहयोगी होते हैं, जब हम दोनों को एक साथ देखते हैं तभी नदी का अस्तीत्व होता है। नदियों को बचाने के लिए हम लोगों को जरूरत है, इसके लिए नदी के किनारे से आधा या एक किमी के अन्दर से आने वाले तालाबों को 6-7 मीटर गहरा करने के साथ उसमें पर्याप्त पानी रखना होगा, तभी नदियों का अस्तीत्व रहेगा, तथा तालाब तथा नदी के किनारे सघन वृक्षारोपण करने की जरूरत है। उन्होने यह भी कहा कि नदियों के किनारे जहां खेती हो रही है, उन खेतों में रासायनिक खाद तथा कीटनाशक दवाओं का कम से कम प्रयोग करना होगा।
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान, लेखपाल तथा सचिवों से कहा कि तमसा के किनारे लगभग 5 लाख पौधे 15 अगस्त के अवसर पर लगाये जाने हैं, तथा पौधा वन विभाग से निःशुल्क उपलब्ध होगा। तमसा नदी के किनारे पंचवटी (बेल, आवला, अशोक, बरगद, पीपल) तथा पंचपल्लव (अशोक, आम, नीम, पीपल, बरगद) के पौधे ही लगाया जाना है। उन्होने ग्राम प्रधान, लेखपाल तथा सचिवों से अपील किया है कि ग्रामवार पौधों को लगाने के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लें तथा नर्सरी में पौधों की उपलब्धता के लिए डीएफओ को निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि नदियों के किनारे आने वाले गांव 100 प्रतिशत ओडीएफ होना चाहिए तथा ओडीएफ गांवों में शत प्रतिशत शौचालय का प्रयोग हो। उन्होने कहा कि तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अन्तर्गत नाबदान का पानी, हैण्डपम्प के पानी के निकासी के लिए शोकपीट बनायें, यह मनरेगा से कार्य कराया जा सकता है, नाबदान का पानी तालाब तथा पोखरों में न जाने दें।
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान, लेखपाल, सचिव तथा स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अपील किया है कि यह अभियान तभी सफल होगा जब आप टीम भावना से कार्य करेंगे और इस अभियान में अधिक से अधिक जनता को जोड़ें तथा अभियान को सफल बनायें।
जिलाधिकारी ने बताया कि नगर क्षेत्र में 03 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट लगने हैं, जिसके लिए एक एसटीपी का जगह मिल गया है। उन्होने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका आजमगढ़ को निर्देश दिये कि दो एसटीपी के लिए जगह का चिन्हांकन कर एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
उन्होने सीडीओ से कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए डीआईओएस तथा बीएसए को निर्देशित करें कि विद्यालयों में छात्र/छात्राओं द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता आदि करायी जाय।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डी0एस0 उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र सिंह, पीडी अभिमन्यु सिंह, एसडीएम निजामाबाद बागीश कुमार शुक्ला, डीएफओ अयोध्या प्रसाद, डीसी मनरेगा बीबी सिंह, जिला सूचना अधिकारी डाॅ0 जितेन्द्र प्रताप सिंह, संबंधित खण्ड विकास अधिकारी सहित ग्राम प्रधान, लेखपाल, सचिव उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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