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आजमगढ : सरकार ने पूर्व सांसद रमाकांत यादव की वाई श्रेणी सुरक्षा वापस ली

टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ कांग्रेस से भदोही से लड़े थे लोकसभा चुनाव 

आजमगढ – दबंग छवि और अपनी बिरादरी में जबरदस्त पैठ रखने वाले पूर्व सांसद रमाकांत यादव को कुछ वर्ष पूर्व भाजपा में अपनी एक हैसियत रखते थे और उस समय पूर्वांचल में भाजपा के लिए मजबूत यादव नेता की भूमिका निभाते थे। तब भाजपा उत्तर प्रदेश में मजबूत होने के लिए हाथपैर मार रही थी। रमाकांत को भी बसपा और सपा से हटने के बाद एक मजबूत पार्टी के सहारे की जरूरत थी, सो उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था और उन्हें आजमगढ की सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ न केवल लोकसभा चुनाव का टिकट दिया बल्कि चुनाव हारने के बाद भी उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दिया। उन्होंने सपा के नेताओं पूर्व विधायक रामदर्शन यादव, दरोगा प्रसाद सरोज को भी भाजपा में शामिल कराया। उन्हें भी भाजपा में पिछडों का बड़ा नेता माना जाने लगा। किन्तु इसी बीच रक्षा मंत्री और तत्कालीन गृहमंत्री के आरक्षण पर दिये गए बयान के बाद रमाकांत यादव ने खुलकर उनकी आलोचना शुरू कर दी। इसी बीच सवर्णो के खिलाफ उनके विवादित बयानों के वायरल होने के बाद से ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नजरों से वह उतर गए थे और इस बार के चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। जिससे नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस को भी एक मजबूत पिछडे नेता की पूर्वांचल में आवश्यकता थी। उन्हें उनकी इच्छानुसार भदोही सीट से टिकट दिया गया। यदधपि कि वह चुनाव हार गए। अब प्रशासन ने उनको दी गई वाई श्रेणी सुरक्षा की नये सिरे से समीक्षा कर शासन को रिपोर्ट भेज दिया। जिसमें उनके विरुद्ध चल रहे लगभग 40 आपराधिक केस का विस्तार से समीक्षा कर उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा समाप्त करने की संस्तुति की गई होना बताया जा रहा , जिसे शासन ने मानकर उनकी वाई श्रेणी सुरक्षा वापस ले ली है। 

अगर रमाकांत यादव के राजनीतिक कैरियर पर गौर से नजर दौडायें तो साफ दिखता है कि अपनी दबंग छवि और अक्खड़पन के कारण वह जिस पार्टी में रहे उसके स्थानीय किंतु मजबूत नेता सदैव अंदर ही अंदर उनसे ईर्ष्या और जलन रखते थे क्योंकि वह सदैव पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के प्रिय रहते रहे। उनकी पिछडों में बढती लोकप्रियता से मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव भी उन्हें पसंद नहीं करते थे।
अब वह कांग्रेस में हैं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस उनकी लोकप्रियता का किस प्रकार लाभ उठा पाती है क्या उन्हें संगठन में कोई महत्व पूर्ण स्थान देकर उनकी लोकप्रियता का लाभ उठाने का प्रयास करती है या उन्हें यूं ही जाया किया जाता है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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