शस्त्र -शास्त्र के पुरोधा थे भगवान परशुराम - पं. सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन
आजमगढ़। चन्द्रमा ऋषि आश्रम सिलनी स्थित भगवान परशुराम मंदिर में अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में अक्षय तृतीया के अवसर पर भगवान परशुराम जयंती मंगलवार को धूमधाम से मनायी गई। महंत बम बम गिरी ने मंदिर में स्थापित प्रतिमा का वैदिक रीति से पूजन सम्पन्न कराया।महासभा के प्रदेश सरंक्षक पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहाकि भगवान् विष्णु के अवतार क्रान्तिवीर परशुराम जी शस्त्र और शास्त्र के पुरोधा थे। उन्होने अत्याचारी सहस्त्रार्जुन एवं विधर्मी शासकों का वध करके धरती पर शांति, सुरक्षा, धर्म व न्याय की स्थापना की। वर्तमान विश्व में व्याप्त भय के वातावरण और असुरक्षा से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान परशुराम की रक्षाकारी भूमिका स्पृहणीय है। प्रसिद्ध कथावाचक पंडित गोविन्द शास्त्री ने कहाकि महाभारत काल में भगवान परशुराम ने भीष्म, द्रोण, कर्ण आदि को शस्त्र-शास्त्र की युग परिवर्तनकारी शिक्षा दी। महासभा के युवा प्रकोष्ठ के मंडल अध्यक्ष पंडित सौरभ उपाध्याय ने कहाकि उन्होने वैदिक धर्म, ज्ञान परंपरा अपनाने के साथ ही समाज और राष्ट्र को संकट की बेला में चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया। जिलाध्यक्ष पंडित गोपाल कृष्ण दूबे ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर संजय कुमार पांडेय, सतीश चन्द्र मिश्र, अरूण पाठक, निशीथ रंजन तिवारी, राजीव पांडेय, लालकृष्ण दूबे रिंकू, जितेन्द्र पांडेय, अरविन्द पांडेय आदि मौजूद रहे।
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