चट्टी चौराहों पर सांसद और सरकार बनाने वहराने की बहस शुरू हो गई है
आजमगढ़ : आजमगढ़ सदर संसदीय क्षेत्र व लालगंज सुरक्षित संसदीय क्षेत्र के 30 प्रत्याशियों का भाग्य रविवार को मतदान के बाद ईवीएम में बंद हो गया। अब इसका फैसला 23 मई को मतगणना के बाद होगा। इसी के साथ प्रशासन ने जहां राहत की सांस ली है वहीं प्रत्याशियों की धुकधुकी बढ़ गई है। वह 23 मई के इंतजार में हैं। भागदौड़ के बाद समर्थक भी आराम फरमा रहे हैं। कुल मिलाकर 30 प्रत्याशियों में दो के सिर पर जीत का सेहरा बंधेगा। इसके अलावा सभी को हार का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल इसे लेकर चट्टी चौराहों पर सरकार बनाने व बिगाड़ने की बहस शुरू हो गई है। रविवार को मतदान सम्पन्न होने के बाद लगभग सभी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। अधिकारी व कर्मचारी आराम फरमाते रहे। कुछ कार्यालय में कर्मचारी तो दिखे लेकिन वह नाम मात्र के थे। जनपद के आजमगढ़ सदर लोकसभा क्षेत्र से कुल पंद्रह प्रत्याशी मैदान में हैं। आजमगढ़ सदर से सपा के मुखिया अखिलेश यादव व भाजपा से दिनेश लाल निरहुआं में सीधा मुकाबला रहा है। इसके अलावा प्रमोद तिवारी, गोरखनाथ, मोहिदर कुमार, अभिमन्यु सिह, अनिल सिंह, पवन सिंह, राजाराम गोंड, एहसान, अरविद कुमार, राजीव कुमार सिंह, बुधिराम, राजीव पांडेय व गौरव चुनाव मैदान में हैं। इसी प्रकार लालगंज संसदीय सीट से भाजपा से सांसद नीलम सोनकर, बसपा गठंबंध्न से की संगीता आजाद, कांग्रेस से पंकज मोहन सोनकर मैदान में हैं। इसके अलावा त्रिलोकी नाथ, हेमराज पासवान, पिटू, राधेश्याम गौतम, लछिमन, इजीत कुमार, दिलीप कुमार, चंद्रशेखर, अखिलेश, रामचंदर, संतोष कुमार, सुभाष चुनाव मैदान में हैं। इन सभी के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो चुका है। सोमवार को विभिन्न कार्यालयों व दुकानों पर यही चर्चा होती रही कि किस प्रत्याशी के पक्ष में कितना वोट पड़ा। कहीं कोई भाजपा प्रत्याशी को प्लस बता रहा है तो कहीं कोई गठबंधन को। इसे लेकर बहस जारी थी। चाय की दुकानों पर भी बस सरकार बनने व बिगाड़ने की बात चल रही है। कुल मिलाकर समर्थक भी अपने-अपने स्तर से कयास लगाना शुरू कर दिए हैं।
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