ग्रुप में किसी के द्वारा गई छोटी सी भी गलती आपको कभी भी सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है
आजमगढ़। अगर आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और आप किसी व्हाट्स एप ग्रुप के एडमिन हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। एक छोटी सी गलती आपको कभी भी सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है। लोकसभा चुनाव 2014 में सोशल मीडिया की ताकत को सभी ने माना। जहां सभी परंपरागत प्रचार के साधनों पर जोर दिया, वहीं भाजपा ने सोशल मीडिया के जरिये पूरे देश में सबको इसकी ताकत का एहसास कराया। इसके बाद हर राजनीतिक दल इसकी ओर आकर्षित हुआ। हर पार्टी ने अलग से सोशल मीडिया सेल का गठन कर दिया। अब इनके द्वारा पार्टी की गतिविधियों को सोशल मीडिया पर शेयर किया जाता है। वहीं सोशल मीडिया पर बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने ग्रुप बनाकर समाचार आदि का प्रकाशन करना शुरू कर दिया है। वैसे अगर देखा जाए तो कुछ लोगों ने सोशल मीडिया को मनोरंजन का साधन बनाया है तो कुछ लोगों ने इसे अपने फायदे के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। चुनाव प्रचार में बढ़ते सोशल मीडिया के दखल को देखते हुए चुनाव आयोग भी सक्रिय हो गया है। चुनाव आयोग की ओर से इस पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय किए हैं। साथ ही आयोग सोशल मीडिया पर भ्रामक, अफवाह या फिर किसी को फायदा पहुंचाने वाली खबरों के प्रकाशन पर लगाम लगाने के लिए सजा का प्रावधान किया है। अगर किसी ग्रुप में इस तरह की खबरें प्रकाशित होती है उसके एडमिन के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसलिए ग्रुप एडमिन को सावधान रहने की जरूरत है। जिला निर्वाचन अधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि ग्रुप एडमिन इस बात का ध्यान रखें कि उनके ग्रुप में इस तरह का कोई मैसेज प्रकाशित न हो जिससे किसी की छवि धूमिल हो या चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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