50 फुट दूर स्थित ऊँचे पेड़ का एक भी पत्ता हरा नहीं बचा, भवन के सामने खड़े दो पहिया वाहनों का सिर्फ ढांचा ही बचा
काफी दूर तक दिखा भीषण अग्निकांड से निकले धुएं का गुबार
आजमगढ़ : पटाखे की दुकान में लगी आग से निकली लपटें व धमाके का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। दो मंजिला भवन की छत का ऊपरी हिस्सा जहां जमींदोज हो गया है। वहीं भवन व उसके आसपास रखे लगभग चार दो पहिया वाहन का सिर्फ ढांचा ही बचा है। दिल दहलाने वाली बात तो यह भी रही की विस्फोट की धधक से मकान के ठीक सामने 50 फुट की दूरी पर स्थित एक विशाल पेड़ ही जल उठा, साथ ही उस दौरान सड़क पर गुजरने वाले लोग भी घायल हो गए । विस्फोट के दौरान गैस सिलेंडर के फटने की बात भी कही जा रही है। यह भी चर्चा है कि वेल्डिग गैस सिलेंडर फटने से यह घटना हुई है। कुछ लोग वेल्डिग के दौरान निकली चिगारी को घटना का कारण बता रहे हैं। चिगारी पटाखा गोदाम में रखे बारूद तक पहुंच गई। बहरहाल, घटना को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रहीं हैं। बहरहाल, यह सब जांच का विषय है। लेकिन इस जांच में यह एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी रखना होगा की विस्फोट स्थल से 50 फुट दूर सामने सड़क के उस पार स्थित एक ऊँचे पेड़ की एक भी पत्ती हरी नहीं रह गई, सब झुलस गई हैं। क्या घरेलू किसी गैस सिलेंडर का यह भी प्रभाव हो सकता है ? अगर वहां बारूद के चलते ऐसा हुआ तो वहां कितना बारूद था ? मुकेरीगंज में पटाखा की दुकान में आग की घटना से सभी मर्माहत हैं। इस कारोबार से जुड़े लोगों का सबकुछ नष्ट हो चुका है, लेकिन इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि आजमगढ़ जिले में बहुतायत शादी-विवाह समारोह में इन्हीं दुकानों के बने पटाखे खुशियों को रंगीन बनाते रहे हैं क्योंकि यह लोग पूरे साल यही काम करते रहे हैं । जिसके लिए बकायदा एक के नाम लाइसेंस भी है। यह अलग बात है कि इसकी आड़ में परिवार बढ़ने पर कई दुकानों ने पांव पसार लिये।जिम्मेदार इस पर खामोश ही रहे और धीरे धीरे घनी आबादी के बीच यह कारोबार पनपता और बढ़ता रहा।
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