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आजमगढ़ पब्लिक स्कूल के नौनिहालों ने 'मोहन से महात्मा' कठपुतली नाटक में गांघी का जीवन देखा

बचपन से लेकर महात्मा गाँधी बनने तक का सफर दिखाया गया, गांधी के जीवन पर वक्ताओं ने डाला प्रकाश

सभी तरह के भेद-भाव से बचते हुए सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं गाँधी जी -मो0 नोमान  

आजमगढ। रानीकी सराय स्थित आजमगढ़ पब्लिक स्कूल के नन्हे-मुन्हे छात्रों को 'मोहन से महात्मा' कठपुतली नाटक के माध्यम से गाँधी जी का बचपन से लेकर महात्मा गाँधी बनने तक का सफर दिखाया गया। इस नाटक की प्रस्तुति क्रिएटिव पपेट थियेटर (ट्रस्ट) वाराणसी द्वारा की गई। नाटक में बालक मोहन का परिचय देते हुए दिखाया गया कि वे हमेशा सत्य बोलते थे । उन पर राजा हरिश्चंद्र का गहरा प्रभाव पड़ा था । पढने में कमजोर विद्यार्थी होते हुए भी उन्होंने नकल करना स्वीकार नहीं किया। गाँधी जी ने छुआछूत का विरोध करते हुए सभी वर्गों को एक समान माना। नाटक में गाँधी जी के आगे का सफर जैसे-दक्षिण अफ्रीका जाना,ट्रेन में काले-गोरे का भेद, नील आन्दोलन, शराब का बहिष्कार, अहिंसा का पालन करते हुए सत्याग्रह आन्दोलन, दांडी यात्रा तथा स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग पर बल तथा भारत को आजादी दिलवाने के लिए उनका संघर्ष, नाथूराम गोडसे द्वारा उनकी मृत्यु दिखाई गई। कार्यक्रम के अंत में बच्चों से गाँधी जी के जीवन पर आधारित प्रश्न किये गए जिसका छात्रों ने पूर्ण विश्वास के साथ बड़े ही उत्साह से उत्तर दिया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक मो. नोमान ने छात्रों को गाँधी जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए सभी तरह के भेद-भाव से बचते हुए सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। अंत में विद्यालय के सह-संयोजिका ऋचा मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त अध्यापिका एवं अध्यापकगण मौजूद थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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