आजमगढ़ : जनपद में 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस समारोह सुव्यवस्थित ढंग से और सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयुक्त कार्यालय में मण्डलायुक्त जगतराज, कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने झण्डारोहण किया तथा सवंधिान में उल्लिखित संकल्प के स्मरण एवं राष्ट गायन किया गया। इस अवसर राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, धर्म निरपेक्षता और साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को मजबूत बनाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मण्डलायुक्त ने कहा कि आज हम सभी लोग 70वीं गणतन्त्र दिवस को मना रहे है यह बहुत ही गर्व की बात है।, हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ था और 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ। संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। हमारे देश का संविधान विश्व के सबसे बड़ा संविधान है। संविधान में मूल्य, कर्तव्य/अधिकारों की बात कही गयी है। हम सभी को अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। सभी लोगों मिल-जूल कर कार्य करे तो हमलोगो को आगे बढ़पे से कोई नही रोक सकता है। संविधान में व्यक्ति की गरीमा की बात कही गयी है, प्रत्येक व्यक्ति की एक गरिमा होती है। उसे हमलोगो को बरकरार रखने की जरूरत है। हमारे अगणित देश भक्तों तथा अमर बलिदानियों ने जीवनभर संघर्ष कर जो स्वाधिनता हासिल की है। वह अमूल्य है और उसके रक्षा का अग्रेत्तर दायित्व हमारे उपर और नई पीढ़ी पर है। कलेक्ट्रेट में ध्वजारोहण के पश्चात जिलाधिकारी ने स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी लाल चन्द तिवारी को माल्र्यापण, शाल तथा नारियल भेटकर सम्मानित किया। जिलधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने अपने सम्बोधन में स्वतन्त्रा संग्राम के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए तथा बलिदानियों को नमन करते हुए देश भक्तों के जीवन के प्रेरक प्रंसग को दोहराया। उन्होने कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनैतिक, आर्थिक, समाजिक स्वतन्त्रता समानता को बनाये रखने आवश्यक है। संविधान में फण्डामेन्टल अधिकार की बात कही गयी है। कोई व्यक्ति निर्वाचन की प्रक्रिया में भागीदार हो सकता है स्वंय अपना मत देकर तथा उम्मीदवार बनकर। प्रत्येक नागरिक को समान मताधिकार का अधिकार हैं। संविधान ने सामाजिक कुरूतियों को समाप्त किया है। उन्होने गणतन्त्र की मूल अवधारणाओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों को प्रेरणा दी कि देश व समाज का निर्माण प्रेम तथा सदभावना से होता है, घृणा से नही। मेलजोल से होता है, बैर भाव से नही। एक दूसरे के धर्म का आदर करने से होता है, अनादर करने से नही।
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