आजमगढ़ : अपहरण के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-एक धीरेंद्र कुमार ने एक आरोपी को सात वर्ष की कारावास तथा 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई, वहीँ एक आरोपी दोषमुक्त करार दिया गया । अभियोजन पक्ष के अनुसार देवगांव कोतवाली क्षेत्र की वादिनी के गांव के सुधाकर पुत्र ब्रह्मदेव सिंह ने एक साजिश की, जिसके तहत 22 सितंबर 2009 को शमशेर पुत्र हरिहर, धर्मेंद्र पुत्र हरिराम, हरिराम पुत्र कोल्हाडू तथा अनिल पुत्र श्यामलाल निवासी ग्राम अछिया के साथ मिलकर धर्मेन्द्र ने प्रार्थिनी की 13 वर्ष की नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया। वह उस वक्त शौच के लिए जा रही थी, प्रार्थिनी ने आरोप लगाया था की उस समय आशंका है कि नवरात्र का महीना चल रहा है उक्त लोग उसकी बेटी की बलि दे देंगे या उसे किसी वेश्या के हाथ बेच देंगे। पुलिस ने मामले के संदर्भ में उक्त पांचों लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना किया। विवेचना के उपरांत पुलिस ने धर्मेंद्र पुत्र हरिराम तथा हरिराम पुत्र कोल्हाडू के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। एडीजीसी अभयदत्त गोंड ने वादिनी मुकदमा समेत कुल सात गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी धर्मेंद्र को सात वर्ष की कारावास तथा 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई तथा साक्ष्य के अभाव में आरोपी हरिराम को दोष मुक्त कर दिया।
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