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सभी अधिकारी तैनाती स्थल पर उपस्थित रहना करें सुनिश्चित: मण्डलायुक्त

समीक्षा बैठक से अनुपस्थित अधीक्षण अभियन्ता ड्रेनेज का एक दिन का वेतन कटा 

आज़मगढ़ 11 दिसम्बर -- मण्डलायुक्त जगत राज ने कहा है कि शासन के निर्देशानुसार समस्त तहसील स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारी भी अपने-अपने मुख्यालय पर उपस्थित रहना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इसके उन्हें प्रमाण पत्र भी देना होगा, जिसकी शासन स्तर से रैण्डम जाॅंच भी होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन अधिकारियों को उनके तैनाती स्थल पर सरकारी आवास उपलब्ध नहीं है तो वे किराये का मकान ले लें। इसी क्रम में उन्होंने तीनों जनपद के सीएमओ को भी निर्देशित किया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात चिकित्सकों की भी तैनाती स्थल पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अग्रेतर कार्यवाही करें। मण्डलायुक्त ने मंगलवार को अपने कार्यालय के सभागार में शासन के विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों, कानून व्यवस्था, कर करेत्तर एवं स्थानीय निकायों की मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। समीक्षा के दौरान अधीक्षण अभियन्ता डेªनेज बिना पूर्व अनुमति प्राप्त किये बैठक से अनुपस्थित पाये गये, जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मण्डलायुक्त ने उनका एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शासन द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुसार जनपद स्तरीय अधिकारियों को मुख्यालय से बाहर हेतु जिलाधिकारी से मण्डलीय अधिकारी को मण्डलायुक्त ने अनिवार्य रूप से अनुमति प्राप्त की जाये। मण्डलायुक्त जगत राज ने स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान आज़मगढ़ में 60 से अधिक एवं बलिया में 2 गांवों को आडीएफ (खुले में शौचमुक्त) घोषित नहीं पाये जाने पर सम्बन्धित जिला पंचायत राज अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो भी दिक्कतें हैं, जिलाधिकारी से मिलकर उसे तत्काल दूर करते हुए ओडीएफ घोषित करना सुनिश्चित करें। शौचालयों की फोटो अपलोडिंग भी कम मिलने पर इसमें तेजी लाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण में भौतिक प्रगति एवं वित्तीय प्रगति में काफी असमानतायें हैं इसे भी तत्काल दूर किया जाय।
मण्डलायुक्त जगत राज ने ओडीएफ घोषित ग्रमों के मण्डल स्तरीय सत्यापन कम पाये जाने पर उप निदेशक पंचायती राज को निर्देशित किया कि सत्यापन हेतु लगाये गये मण्डलीय अधिकारियों से लगातार सम्पर्क बनाये रखें। इस दौरान उन्होंने सत्यापन कार्य हेतु नामित एक-एक अधिकारियों से उनकी प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु अधीक्षण अभियन्ता ड्रेनेज उपस्थित नहीं थे, जिस पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उनका एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मण्डलीय अधिकारी को प्रतिदिन 10-10 ओडीएफ गावों का सत्यापन करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ओडीएफ गावों का सत्यापन अत्यन्त महत्वपूर्ण घटक है, इसलिए इसमें किसी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चाहिए। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि सत्यापन के उपरान्त अधिकारी समय से अपनी रिपोर्ट उपलब्ध करायें, इसमें अनावश्यक विलम्ब करने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जनपद स्तर पर सत्यापन की समीक्षा के दौरान पाया कि आज़मगढ़ में लगभग 900, बलिया में लगभग 800 एवं मऊ में 400 ओडीएफ गावों का जनपद स्तर पर सत्यापन होना अवशेष है। इस सम्बन्ध में उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों से कहा कि व्यक्गित ध्यान देकर अवशेष गांवों के सत्यापन का कार्य प्राथमिकता से पूरा करायें ताकि उसका मण्डल स्तर से सत्यापन संभव हो सके। मण्डलायुक्त जगत राज ने धान खरीद की समीक्षा करते हुए संभागीय खाद्य नियन्त्रक को निर्देश दिया कि किसी भी दशा में गत वर्ष से कम खरीद नहीं होनी चाहिए। राईस मिलरों से अनुबन्ध के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि आज़मगढ़ में 48 अनुबन्ध हो गये है, 11 शेष है, मऊ 24 हुए एक शेष तथा बलिया में 70 अनुबन्ध हुए 74 बाकी हैं। इस पर मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया बाकी बचे अनुबन्धों की कार्यवाही पूर्ण करायें ताकि क्रय केन्द्रों पर भण्डारण की समस्या से बचा जा सके।
मण्डलायुक्त जगत राज ने मुख्यमन्त्री समग्र ग्राम विकास योजना के तहत चयनित ग्रामों के संतृप्तीकरण का जायज़ा लेते हुए पाया कि इस योजना के तहत आज़मगढ़ में 58 एवं बलिया में 17 गांव चयनित हैं। उन्होंने योजना से सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि चयनित गांवों में जा कर विभागीय कार्यों को देखें तथा उसकी रिपोर्ट दें। उन्होंने मुख्य अभियन्ता विद्युत को निर्देश दिया जो चयनित गांव अभी तक विद्युतीकरण से संतृृप्त नहीं हुए हैं उन्हें सौभाग्य योजना के तहत तत्काल संतृृप्त करें। मण्डलायुक्त ने मनरेगा के तहत आज़मगढ़ एवं बलिया में विलम्बित भुगतान की स्थिति खराब पाये जाने पर सम्बन्धित मुख्य विकास अधिकारी को इस ओर व्यक्तिगत ध्यान देकर अपेक्षित सुधार लाने का निर्देश दिया। समीक्षा में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्डों की आधार सीडिंग मंे मण्डल की उपलब्धि 29.22 प्रतिशत तथा मैच हुए सदस्यों का प्रतिशत 27.43 पाया गया, जो बहुत ही कम है। उन्होंने इसमें और तेजी लाने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक विजय भूषण, जिलाधिकारी आज़मगढ़ शिवाकान्त द्विवेदी, जिला बलिया भवानी सिंह खंगारौत, जिलाधिकारी मऊ प्रकाश बिन्दु, पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़ रवि शंकर छवि, पुलिस अधीक्षक बलिया सुश्री श्रीपर्णा गांगुली, पुलिस अधीक्षक मऊ सुरेन्द्र बहादुर, अपर आयुक्त (प्रशासन) राजेन्द्र कुमार, संयुक्त विकास आयुक्त हरिश्चन्द्र वर्मा, सीडीओ आज़मगढ़ कमलेश कुमार सिंह, सीडीओ बलिया बद्रीनाथ सिंह, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा0 एनएल यादव, उप निदेशक पंचायती राज जयदीप त्रिपाठी, संभागीय परिवहन अधिकारी दरोगा सिंह, अपर आयुक्त (वित्त) एके द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) गुरू प्रसाद, मुख्य राजस्व अधिकारी आलोक कुमार वर्मा, अपर जिलाधिकारी बलिया प्रवरशील बरनवाल, अपर जिलाधिकारी मऊ डीपी पाल सहित अन्य सम्बन्धित मण्डल एवं जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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