आजमगढ़: जिले में खसरा और रूबैला अभियान 10 दिसम्बर 2018 से लेकर 15 जनवरी 2019 तक चलाया जायेगा। इसके अन्तर्गत खसरा रोग के सफाया तथा रूबैला को नियंत्रित करने के लिए 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीका लगाया जायेगा। जनपद में 17,67,000 बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रविन्द्र कुमार ने बताया कि इस अभियान में 165 सुपरवाइजर, 120 डॉक्टर तथा 506 टीमें प्रतिदिन कार्य करेंगी। खसरा और रूबैला अभियान (एमआर अभियान) का प्रथम चरण जनपद के समस्त स्कूलों/समुदायों/सरकारी अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केन्द्रों पर चलाया जायेगा। इस अभियान की शुरूआत 10 दिसम्बर 2018 को बड़ादेव जूनियर हाईस्कूल से किया जायेगा।उन्होने बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है, जो कि वायरस द्वारा फैलता है। बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। इसी प्रकार रूबैला भी एक संक्रामक रोग है जो वायरस द्वारा फैलता है, इसके लक्षण खसरा रोग जैसे ही होते हैं, यह लड़के या लड़की दोनो को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भवस्था के शुरूआती चरण में इससे सक्रंमित हो जाये तो कन्जेनिटल रूबैला सिन्ड्रोम हो सकता है, जो कि उसके भू्रण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। सीएमओ ने बताया कि खसरा एवं रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है, इसके कोई दुष्प्रभाव नही होते हैं। उन्होने बताया कि बच्चे टीकाकरण से पहले नाश्ता कर लें।
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