निजामाबाद : (आजमगढ़) : निजामाबाद थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में शुक्रवार को धर्मांतरण की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे हिन्दू संगठनों के लोगों ने प्रार्थना सभा को रोकवा दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने ईसाई मिशनरी के दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया। पकड़े गए दोनों व्यक्तियों के खिलाफ विश्व हंिदूू महासंघ निजामाबाद के अध्यक्ष ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर दे दी है। काफी दिनों से क्षेत्र में सक्रिय ईसाई मिशनरियों द्वारा गरीब तबके के लोगों को भ्रमित व बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तन की खबरें मिल रही थीं। लोगों का कहना है कि धर्म परिवर्तन कार्य में लगे ईसाई मिशनरी के कुछ सदस्य नगर पंचायत निजामाबाद के सालेहपुर गांव में एक व्यवसायी के मकान में किराए पर कमरा लेकर काफी दिनों से रह रहे थे। प्रार्थना सभा के नाम पर क्षेत्र के भोले-भाले पुरुषों व महिलाओं को बुलाकर प्रार्थना के जरिए धर्म परिवर्तन का प्रलोभन देते थे। इससे क्षेत्र में सामाजिक समरसता बिगड़ रही थी और लोगों में आक्रोश पनप रहा था। इसकी खबर जब हिन्दू संगठनों के लोगों को हुई तो उनकी सक्रियता के बाद ईसाई मिशनरी के लोग सालेहपुर में अपनी दुकान बंद कर ग्रामीण क्षेत्र में अपना सामान ले जाकर रहने लगे थे। शुक्रवार की दोपहर रामपुर गांव में रामदुलार राम के घर पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस प्रार्थना सभा में काफी संख्या में महिलाएं एकत्र थीं। प्रार्थना सभा के बहाने धर्म परिवर्तन कराने की खबर जब हिन्दू संगठनों के लोगों को हुई तो वे दर्जनों ग्रामीणों के साथ वहां पहुंच गए और प्रार्थना सभा रोकवा दिया। इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर निजामाबाद थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मौके पर मौजूद ईसाई मिशनरी के दो सदस्य को हिरासत में लेने के बाद उन्हें थाने पर लेकर चली आई। जिले में ईसाई मिशनरियों के सदस्यों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। पुलिस प्रशासन की सुस्ती से जिले में कभी भी कोई बड़ा बवाल होने की भी आशंका प्रबल होती नजर आ रही है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इस तरह की हरकतों पर लगाम नहीं लगाया गया तो जिले की कानून व्यवस्था कभी भी बिगड़ सकती है। जिले के लालगंज तहसील क्षेत्र से लेकर सगड़ी, मार्टीनगंज से लेकर मेंहनगर, निजामाबाद से लेकर बूढ़नपुर, सदर तहसील क्षेत्र के अलावा नगर, कस्बा व नगर पंचायतों में भी ईसाई मिशनरी के लोग अपनी सक्रियता दिन पर दिन बढ़ाते जा रहे हैं। लोगों की मानें तो ईसाई मिशनरी के सदस्य उसी स्थान को पहले चुनते हैं जिस गांव के लोग दबे-कुचले व उपेक्षित हैं। वे गरीब तबके के लोगों को आसानी से बहला-फुसलाकर उन्हें अपने धर्म के प्रति आकर्षित करते हैं। घर-घर पहुंच कर लोगों से संपर्क करते हैं और एक स्थान पर आयोजित होने वाली प्रार्थना सभा में लोगों को बुलाते हैं। प्रार्थना सभा के बहाने वे उन्हें भ्रमित करने में लगे जाते हैं। इसमें कामयाबी मिलने के बाद वे पैसे या अन्य प्रकार का प्रलोभन देकर लोगों का धर्म परिवर्तन इतनी चालाकी से करा लेते हैं कि आस-पास वालों की भी इसकी भनक नहीं लग पाती है। एक गांव व मोहल्ले में दो-चार की संख्या में धर्म परिवर्तन कराने के बाद उन्हें ईसाई मिशनरी के प्रचार-प्रसार के लिए अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं।
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