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कृषि मेला/प्रदर्शनी: कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण-नीलम सोनकर, सांसद

आजमगढ़ -- कृषि विभाग द्वारा आयोजित सिधारी स्थित कृषि भवन के परिसर में श्रीमती नीलम सोनकर, सांसद लालगंज द्वारा महिला किसान दिवस एवं रबी उत्पादकता कृषक गोष्ठी, मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती नीलम सोनकर, सांसद लालगंज ने कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया।

उन्होने कहा कि ग्रामीण महिलायें गृह कार्य, बच्चों  के देख-भाल के साथ-साथ कृषि कार्य में बराबर का हाथ बटाती हैं, और देश की आर्थिक विकास में इनका लगभग 50 प्रतिशत योगदान रहता है। महिलाओ के प्रत्यक्ष योगदान एवं सक्रिय भागीदारी के परिणाम स्वरूप ही भारत, फल, सब्जी तथा अनाज के मामले में अग्रणी देश बन गया है।
उन्होने कहा की पशुपालन, मछली पालन, चटनी, अचार, मुरब्बा जैसे कार्यों मंे महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और कृषि सम्बन्धी अधिकांश मामलों में स्वयं निर्णय लेती है। उन्होने कहा कि कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद महिलाओं का अलग से पहचान न बनना, जमीन का मालिकाना हक अधिकांश पुरूषांे के पक्ष में होना, पुरूषो के तुलना में महिलाओं को कम मजदूरी मिलना, जैसी समस्यायें भी हैं। महिलाओ के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला चर्चा मण्डल तथा आकाशवाणी द्वारा प्रसारित कृषि, पशुपालन, बाल विकास पुष्टाहार, इत्यादि तकनीकी जानकारी महिला कृषकों तक पहुचाया जा रहा है।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि कृषि क्षेत्र में बगैर महिलाओं की सहभागिता के विकास सम्भव नही है और 60 से 80 प्रतिशत महिलाआंे की हिस्सेदारी होती है। उन्होने बताया कि पूर्वी उत्तर भारत, केरला व पहाडों मे महिलाओं की सहभागिता पुरूषों से भी ज्यादा होती हैं। उन्होने आह्वान किया कि विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर महिलायंे भी अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ कर सकती है।
संयुक्त कृषि निदेशक आजमगढ मण्डल आजमगढ एस0के0 सिंह ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए समुहो के माध्यम से जैविक खाद उत्पादन, बीज उत्पादन तथा नव विकसित कृषि यंत्रो को बढावा देने के लिए फार्म मशीनरी बैंक के लाभ मिलने के बारे में जानकारी दी।
उप कृषि निदेशक डा0 आर0के0 मौर्य द्वारा रबी फसलों में दलहनी, तिलहनी तथा गेहूॅ में अनुमन्य अनुदान की जानकारी देते हुए बताया कि गेहूॅ में बिक्री दर का 60 प्रतिशत अनुदान तथा दलहनी, तिलहनी फसलों में मूल्य का 75 प्रतिशत तक अनुदान देय है। उन्होने बताया कि बीज उत्पादन करने वाले कृषकों को 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा, विभिन्न फसलांे के बिक्री मूल्य तथा उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी गयी।
फसल अवशेष प्रबन्धन की जानकारी देते हुए बताया गया कि धान की कटाई के उपरान्त फसलांे के अवशेष जलाये जाने की घटना प्रकाश में आने पर दोषी कृषक तथा कम्बाईन हारवेस्टर के स्वामी को उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा लगाये गये अर्थ दण्ड एवं अन्य सजा को सख्ती से लागू किया जायेगा। बताया गया कि फसल अवशेष जलाये जाने की घटना सेटेलाईट इमेज से प्राप्त हो जाती है। कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनआंे का लाभ लेने के लिए कृषक पंजीकरण अनिवार्य बताया।
गोष्ठी में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह ने महिलाआंे की कृषि क्षेत्र में सहभागिता पर प्रकाश डालते हुए इन्हे और जागरूक एवं प्रशिक्षित किये जाने पर बल दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं की सहभागिता की प्रशंसा करते हुए प्रगतिशील महिला कृषकों को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम को कृषि विज्ञान केन्द कोटवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 आर0के सिंह ने रबी की विभिन्न फसलो की अधिक उत्पादन प्राप्त करने के टिप्स दिये। मृदा वैज्ञानिक डा0 रणधीर नायक द्वारा मृदा परीक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सन्तुलित उर्वरकों के प्रयोग किये जाने पर बल दिया। संस्थान के ही वैज्ञानिक डा0 आर0पी0 सिंह एवं ए0के0 यादव द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन, मधुमक्खी पालन एवं मशरूम उत्पादन की जानकारी दी गयी। विशेषज्ञ डा0 रसूल मुहम्मद तथा डा0एल0सी0 वर्मा ने भी स्वच्छ एवं अधिक दुध उत्पादन प्राप्त करने के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा रबी की तैयारी के दृष्टिगत बीज, उर्वरक, नहर संचालन, विद्युत आपूर्ति इत्यादि की विभागवार जानकारी प्राप्त की गयी।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा बताया गया कि दलहनी एवं तिलहनी बीजांे की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है तथा गेहूॅ के बीज की आपूर्ति सभी राजकीय कृषि बीज भण्डारो पर एक सप्ताह में सुनिश्चित कर ली जायेगी।
गोष्ठी में कृषि, उद्यान, पशुपालन, गन्ना, मत्स्य विभागो के अतिरिक्त निजी क्षेत्रो के कम्पनीयांे द्वारा कुल 22 प्रदर्शनियाॅ कृषकांे के आकर्षण का केन्द्र रही। मेले में 760 महिला कृषक तथा 284 पुरूष कृषकांे ने मेले/गोष्ठी में प्रतिभाग कर विभिन्न योजनाओं का लाभ लिया।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा द्वारा महिलाआंे के लिए प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया, जिसमें विजेता महिला कृषक श्रीमती शशिकला श्रीमती कमलावती, सरिता, सत्यभामा तथा बालिका राय को मेज शेलर देकर पुरस्कृत किया गया। कृषि विभाग द्वारा 5 कृषको को मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा 20 कृषकों को सरसो का मिनीकिट का वितरण मुख्य विकास अधिकारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन कमला सिंह तरकस द्वारा किया गया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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