आजमगढ़ : हत्या के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि दो आरोपियों को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-तीन संतोष कुमार तिवारी ने सोमवार को सुनाया। मामला रौनापार थाना क्षेत्र का है। वादी मुकदमा राममिलन पुत्र छोटई निवासी देवाराखास का गांव के ही रामकेश पुत्र रामनयन से रास्ते का विवाद चल रहा था। इसी विवाद को लेकर 14 सितंबर 2010 की सुबह लगभग साढ़े दस बजे जब राममिलन अपने भाई रामवृक्ष के साथ घास काटकर घर वापस आ रहा था। तभी रास्ते में रामसकल के खेत के पास सरपत की आड़ से निकलकर आरोपी रामकेश पुत्र रामनयन, स्वामीनाथ पुत्र सुमेर, रामरतन पुत्र कंता, रामाश्रय पुत्र रामअवध तथा रामहरि पुत्र विंध्याचल ने दोनों भाईयों को घेर लिया। रामकेश व रामरतन ने कट्टे से रामवृक्ष पर फायर किया, जिससे रामवृक्ष की मौत हो गई। आरोपी रामाश्रय फरार हो गया, जिसके कारण उसकी पत्रावली अलग कर दी गई। सहायक शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार यादव ने वादी राममिलन, रामप्रकाश, मुसाफिर, डॉ.एवी त्रिपाठी, विवेचक प्रेमलाल, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, हेड कांस्टेबल श्रीप्रकाश को बतौर गवाह कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने रामकेश तथा रामरतन को आजीवन कारावास तथा दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि आरोपी स्वामीनाथ व रामहरि को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। जुर्माने की राशि में से 15 हजार रुपये मृतक रामवृक्ष के उत्तराधिकारी को दिये जाने का आदेश दिया।
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