मण्डलायुक्त ने किया विकास कायक्रमों की प्रगति की समीक्षा, कहा विकास कार्यक्रमों का क्रियान्वयन पूरी क्षमता से किया जाय आज़मगढ़ 9 अगस्त -- मण्डलायुक्त जगत राज ने कहा है कि विकास कार्यक्रम एक अनवरत प्रक्रिया है, इसमें अपेक्षित परिणाम के लिए जरूरी है कि इनका क्रियान्वयन पूरी क्षमता से किया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य तभी अच्छा माना जायेगा जब वह धरातल पर दिखाई दे। उन्होंने बुधवार गुरूवार को अपने कार्यालय के सभागार में आयोजित विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों, कर करेत्तर एवं अन्य राजस्व कार्यों तथा स्थानीय निकायों हेतु शासन द्वारा निर्धारित प्रमुख एजेण्डा बिन्दुओें की समीक्षा के दौरान संयुक्त आयुक्त/संयुक्त निबन्धक सहकारिता के अनुपस्थित रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार पैकफेड के अधिशासी अभियन्ता भी बैठन में उपस्थित नहीं हुए। इस सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि प्रबन्ध निदेशक की बैठक में प्रतिभाग करने हेतु लखनऊ गये हैं। इस पर मण्डलायुक्त ने संयुक्त विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि प्रबन्ध निदेशक की बैठक में प्रतिभाग किये जाने का सत्यापन करें तथा वस्तुस्थिति से अवगत करायें। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति की समीक्षा दौरान उन्होंने कहा कि इस मिशन में सबकी सहभागिता जरूरी है, इसलिए इसे सम्पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए लोगों को जागरुक करने का हर संभव प्रयास जारी रखें। मण्डलायुक्त ने तीनों जनपद के मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि सभी एडीओ पंचायत एवं सेक्रेट्री रोस्टर के अनुसार प्रतिदिन गांव में जायें, यदि नियमित रूप से गांव में नहीं जाते हैं तो उनका इस महीने का वेतन रोकें। उन्होंने कहा कि गांवांे में इनकी उपस्थिति के सम्बन्ध में निगरानी समितियों, रोजगार सेवकों का सहयोग लिया जाये। मण्डलायुक्त जगत राज ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमन्त्री आवास योजना, वृक्षारोपण, लाभार्थीपरक योजनाओं का सर्वेक्षण आदि कार्यक्रम शासन की शीर्ष प्राथमिकता का कार्यक्रम है तथा प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा प्रति सप्ताह वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से इसकी समीक्षा भी की जा रही है, इसलिए इन कार्यक्रमों में साप्ताहिक प्रगति अपेक्षानुसार होनी चाहिए। समीक्षा के दौरान शौचालय निर्माण एवं गावों एवं निकायों के वार्डों को ओडीएफ घोषित करने की प्रगति घीमी पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारियेां एवं सभी ईओ को निर्देशित किया कि सीएलटीएस के माध्यम से तत्काल व्यापक प्रचार प्रसार प्रारम्भ कराते हुए लोगों को शौचालय निर्माण हेतु प्रेरित करें। इसके अलावा खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें जागरूक भी करें। मण्डलायुक्त ने कहा कि जब तक ग्राउण्ड लेबल पर कार्य नहीं होगा तब तक अच्छे परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है, इसलिए जो भी कार्य कराये जायें वे मानक और गुणवत्ता के अनुसार होने चाहिए। उन्होंने पूर्व में दिये गये निर्देश के क्रम में सभी चिकित्सकों की दवा पर्ची पर ‘‘खुले में शौच न करें, शौचालय का प्रयोग करें, बीमारियों से मुक्त रहें‘‘ का अनिवार्य रूप से अंकन, गांवों में निगरानी समितियों के गठन और क्रियाशील होने तथा प्राथमिक विद्यालयों में प्रतिदिन की प्रार्थना में स्वच्छता को सम्मिलित किये जाने का प्रमाण पत्र एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराने हेतु अपर निदेशक स्वास्थ्य, उप निदेशक पंचायती राज तथा एडी बेसिक को निर्देश दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जो भी कार्य हों उसकी आनलाईन फीडिंग अनिवार्य रूप से कराई जाय। मण्डलायुक्त ने जीओ टैगिंग समीक्षा के दौरान पाया कि राज्य स्तर पर हुई रैंकिंग में आज़मगढ़ 72वें, मऊ 68वें एवं बलिया 74वें स्थान पर है जिसके कारण मण्डल की स्थिति खराब है। उन्होंने जीओ टैगिंग की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे धनराशि में हेराफेरी की संभावनायें नहीं रहती हैं, इसलिए जीओ टैगिंग के प्रति पूरी संजीदगी अपनाई जाय इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने गावों की सफाई के सम्बन्ध में निर्देश दिया कि 5-6 सफाई कर्मियों को ग्रुप बनाकर रोस्टर के अनुसार गावों की सफाई कराई जाय। उन्होंने 15 अगस्त को वृहद रूप से होने वृक्षारोपण कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रभारी मन्त्री, नोडल अधिकारी, जन प्रतिनिधि आदि को भी अनिवार्य रूप से बुलाया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि 15 अगस्त को प्रति घण्टे वृक्षारोपण की जानकारी शासन को उपलब्ध कराई जानी है, इसलिए इसकी सारी तैयारियाॅं पहले ही मुकम्मल कर ली जाय। मण्डलायुक्त जगत राज ने लाभार्थीपरक योजनाओं के सर्वेक्षण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि जहाॅं सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो गया है उसकी तत्काल फीडिंग कराई जाये। सर्वेक्षण में जनपद आज़मगढ़ की स्थिति असन्तोषजनक पाये जाने पर उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा में जनपद बलिया की प्रगति खराब पाई गयी। इस पर उन्होंने सीडीओ, एडी हेल्थ एवं सीएमओ को विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त ने कहा कि बरसात के दिनों में सर्पदंश की घटनायें अधिक होती हैं इसलिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसका इंजेक्शन अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए। इसके साथ उन्होंने तीनों जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इमरजेन्सी हेतु डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए, इसमें किसी प्रकार की शिकाय नहीं आनी चाहिए। मण्डलायुक्त जगत राज ने स्थानीय निकायों की समीक्षा के दौरान पाया कि तीनों जनपद की सभी निकायों में प्रधानमन्त्री आवास निर्माण की प्रगति अत्यन्त खराब है, जिसमें काफी प्रयास आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियों को आगाह किया कि साप्ताहिक लक्ष्य के अनुरूप प्रगति लाना सुनिश्चित करें अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें। इसी प्रकार ओडीएफ और सड़कों, गलियों की सफाई, नालों की सफाई की स्थिति भी किसी जनपद में सन्तोषजनक नहीं पाई गयी। इस पर मण्डलायुक्त ने सभी तीनों जनपद के सभी ईओ को एक सप्ताह के अन्दर साफ सफाई का कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण कर लेने की हिदायत दी। इसी प्रकार व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण की प्रगति भी लक्ष्य के सापेक्ष्य नहीं पाई गयी, जिस पर असन्तोष व्यक्त करते हुए उन्होंने तत्काल युद्धस्तर पर कार्य करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर अपर आयुक्त (प्रशासन) राजेन्द्र कुमार, संयुक्त विकास आयुक्त हरिश्चन्द्र वर्मा, सीडीओ आज़मगढ़ अनिल कुमार उपाध्याय, सीडीओ बलिया बद्रीनाथ सिंह एवं सीडीओ मऊ आशुतोष कुमार द्विवदी, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा0 एनएल यादव, अपर जिलाधिकारी आज़मगढ़ बीके गुप्ता, उप आबकारी आयुक्त एसपी चैधरी, उप निदेशक पंचायती राज जयदीप त्रिपाठी, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या राजाराम यादव सहित अन्य सम्बन्धित मण्डल स्तरीय अधिकारी एवं तीनों जनपद के अधिशासी अधिकारीगण उपस्थित थे।
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