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24 साल पहले अभिलेखों में 'मृतक' हुआ था जिन्दा, दावत दे मनाया पुनर्जन्म दिवस

आजमगढ़:: मृतक संघ के तत्वावधान में शनिवार को शारदा चौराहा स्थित एक हाल में 24 वां मृतक पुनर्जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबिहारी मृतक ने कहाकि कुछ लोग अपने घरों से रोजी-रोटी के लिए देश विदेशों में गये हैं उनके घरो की जमीनों मकानों पर जालसाजियों की नजर लगी रहती है। तहसील व चकबंदी सरकारी अन्य विभागों में जीवित रहते हुए व्यक्तियों को मृत घोषित कर उनकी सम्पत्ति को हड़प लिया जा रहा है। हो रहे इस विभागों में विभिन्न प्रकार के जाल बट्टा, धोखाधड़ी कर उनके मकानों जमीनो को हड़पकर और कानूनी न्यायिक प्रक्रिया के मकड़जाल में फंसाकर सारे सबूतों को मिटा देते है। जीवित मृतक और धोखाधड़ी से पीड़ित व्यक्ति साक्ष्य नही दे पाते हैं। प्रतिदिन कार्यालयों , न्यायालयों में दर दर की ठोकर खाकर न्याय की भीख मांगते रहते हैं। कुछ भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी न्याय को ताख पर रखकर, अपने पदों का दुरूपयोग कर, न्याय का गला घोटकर अधिकारों से वंचित कर दे रहे हैं। सभी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हर वर्ष 30 जून को मृतक पुनर्जन्म दिवस मनाया जाता है। गुंगी बहरी सरकारों को न्याय के प्रति जागरूक किया जाता है। सन 1976 से आजतक कई हजार जीवित मृत घोषित व्यक्तियों को पुनः अभिलेखों में जीवित कराकर उनकी हड़पी हुई जमीनों को वापस दिलाकर सामाजिक न्याय मानव अधिकारों की रक्षा किया गया है। आज भी हजारों जीवित मृतकों और जालसाजी से पीड़ितो को न्याय दिलाने व उनके मौलिक अधिकारों के लिए सघर्ष जारी है।ं
इस अवसर पर जीवित मृतक रामकिशुन पटेल, बालकिशुन पटेल, ंजमुना, राजबली, फूलचंद यादव, चंदभान यादव, धिराजी देवी के अलावा मेवालाल यादव, विजय भारत, अनिल, पप्पू, ओमप्रकाश, सतीषचंद, विरेन्द्र कुमार, मंजूर, सतेन्द्र कुमार, अरविंद, सहित आदि लोग मौजूद रहे।


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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